Monday 31 August 2020

1992, the Ajmer Serial Gang Rape , अजमेर शरीफ चिश्ती दरगाह बलात्कार काण्ड

 अजमेर शरीफ चिश्ती दरगाह

 बलात्कार काण्ड - hidden history


अजमेर शरीफ चिश्ती दरगाह बलात्कार काण्ड
देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड का घिनोना सच 

जिसका कोर्ट ने फैसला अब सुनाया।
सन् 1992 लगभग 25 साल पहले सोफिया

 गर्ल्स स्कूल अजमेर की #लगभग_250_से_ज्यादा_

हिन्दू_लडकियों_का_रेप जिन्हें लव जिहाद/प्रेम जाल 

में फंसा कर, न केवल सामूहिक बलात्कार किया बल्कि 

एक लड़की का रेप कर उसकी फ्रेंड/भाभी/बहन आदि को 

लाने को कहा, एक पूरा रेप चेन सिस्टम बनाया, जिसमें

 पीड़ितों की न्यूड तस्वीरें लेकर उन्हें ब्लैकमेल करके

यौन शोषण किया जाता रहा !
#फारूक चिश्ती, #नफीस चिश्ती और #अनवर चिश्ती,

 इस बलात्कार रेपकांड के मुख्य आरोपी थे, 

तीनों अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती

 दरगाह के खादिम (केयरटेकर) के रिश्तेदार/वंशज 

तथा_कांग्रेस_यूथ_लीडर_भी ! फारूक चिश्ती

 ने सोफिया गर्ल्स स्कूल की 1 हिन्दू लड़की को 

प्रेमजाल में फंसा कर एक दिन फार्म हाउस पर

 ले जा कर सामूहिकबलात्कार करके, उसकी 

न्यूड तस्वीरें लीं और तस्वीरो से ब्लैकमेल कर 

उस लड़की की सहेलियों को भी लाने को कहा, 


एक के बाद एक लड़की के साथ पहले वाली लड़की

 की तरह फार्म हाउस पर ले जाना बलात्कार

 करना न्यूड तस्वीरें लेना, ब्लैकमेल कर उसकी

 भी बहन/सहेलियों को फार्म हाउस परलाने को

 कहना और उन लड़कियों के साथ भी यही 

घृणित कृत्य करना इस चेन सिस्टम में लगभग

 250 से ज्यादा लडकियों के साथ भी वही

 शर्मनाक कृत्य किया !


उस जमाने में आज की तरह डिजिटल कैमरे नही थे। 

रील वाले थे। रील धुलने जिस स्टूडियो में गयी वह 

भी चिश्ती के दोस्त और मुसलमानसमुदाय का ही था।

 उसने भी एक्स्ट्रा कॉपी निकाल लड़कियों का शोषण

 किया। ये भी कहा जाता है कि स्कूल की इन लड़कियों

 के साथ रेप करने में नेता, सरकारी अधिकारी भी 

शामिल थे ! आगे चलकर ब्लैकमैलिंग में और भी

 लोग जुड़ते गये । आखिरी में कुल 18 ब्लैकमेलर्स हो

 गये। बलात्कार करनेवाले इनसे तीन गुने। इन लोगों

 में लैब के मालिक के साथ-साथ नेगटिव से फोटोज डेवेलप

 करने वाला टेकनिशियन भी था । यह ब्लैकमेलर्स स्वयं 

तो बलात्कार करते ही, अपने नजदीकी अन्य लोगों को

 भी "ओब्लाइज" करते


इसका खुलासा हुआ तो हंगामा हो गया । इसे भारत का 

अब तक का सबसे बडा सेक्स स्कैंडलमाना गया ।

 इस केस ने बड़ी-बड़ी कोंट्रोवर्सीज की आग को हवा दी ।

 जो भी लड़ने के लिए आगे आता, उसे धमका कर बैठा 

दिया जाता । अधिकारियों ने , कम्युनल टेंशन न हो जाये,

  इसका हवाला दे कर आरोपियों को बचाया। अजमेर शरीफ 

दरगाह के खादिम(केयरटेकर) चिश्ती परिवार का खौफ 

इतना था, जिन लड़कियोंकी फोटोज खींची गई थीं, उनमें 

से कईयों ने सुसाइड कर लिया । एक समय अंतराल 

में 6-7 लड़कियां  ने आत्महत्या की । न सोसाइटी 

आगे आ रही थी, न उनके परिवार वाले। उस समय

 की 'मोमबत्ती गैंग' भी लड़कियों की बजाय आरोपियों

को सपोर्ट कर रही थी । डिप्रेस्ड होकर इन लड़कियों ने

 आत्महत्या जैसा कदम उठाया । एक ही स्कूल की 

लड़कियों का एक साथ सुसाइड करना अजीब सा था।


सब लड़कियां नाबालिग और 10वी, 12वी में पढने वाली 

मासूम किशोरियां । आश्चर्य की बात यह कि रेप की गई 

लड़कियों में आईएएस, आईपीएस की बेटियां भी थीं। 

ये सब किया गया अश्लील फोटो खींच कर। पहले एक लड़की,

 फिर दूसरी और ऐसेद्वारा लूटी जा रही थी तब वे कहाँ थे ?

 किसकी मन्नत पूरी कर रहे थे ? ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती

 की दरगाह पर मन्नतें मांगने वालों को विचार करना चाहिए

 कि कहीं वे वहां जा कर पाप तो नहीं कर रहे ?



और भी hidden history के लिए Ynot App को जरूर डाउनलोड करे


Ynot App  ऐप में आपको और भी topics मिलेंगे


https://play.google.com/store/apps/details?id=com.exam.exampractice

Rama Khandwala hidden history रमा_खंडवाला: सिर्फ एक टूर गाइड नहीं, वह नेताजी के साथ सेकंड लेफ्टिनेंट भी थी



रमा_खंडवाला: सिर्फ एक टूर गाइड नहीं, वह नेताजी

 के साथ सेकंड लेफ्टिनेंट भी थी -hidden history



रमा_खंडवाला: सिर्फ एक टूर गाइड नहीं,

 वह नेताजी के साथ सेकंड लेफ्टिनेंट भी थी

आपने अगर शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा अभिनीत 

"जब हैरी मेट सेजल" देखी होगी तो उसमें एक टूर गाइड की

 भूमिका में एक वृद्धा को एक छोटे से,  मगर यादगार 

रोल में भी देखा होगा.

दरअसल यह 94-वर्षीय रमा खंडवाला थीं. वह मुंबई की 

 नियमित टूरिस्ट गाइड रही हैं. यह काम उन्होंने अब से

 लगभग पचास वर्ष पूर्व नेताजी सुभास चन्द्र बोस की

 आजाद हिन्द फ़ौज से क्रियाशीलता खत्म होने के बाद

 आजीविका के लिए करना शुरू किया था. वह १७-वर्ष 

की आयु में नेताजी की सेना की रानी लक्ष्मी बाई 

बटालियन में एक सिपाही के रूप में भर्ती हुई थीं और

 अपनी निष्ठा, समर्पण और जूनून से सेकंड लेफ्टिनें

ट के पद तक जा पहुंची.

अभी मुंबई के गिरगांव क्षेत्र में अपने एक कमरे के छोटे

 से फ्लैट में रहने वाली रमा का जन्म रंगून के एक 

सम्पन्न मेहता परिवार में हुआ था. रमा को इस भर्ती

 के लिए किसी और ने नहीं उसकी अपनी माँ ने प्रेरित 

किया था जो स्वयं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रानी 

लक्ष्मी बाई बटालियन की भर्ती इंचार्ज की उनका

 मानना था कि अंग्रेजों को इस उपनिवेश से भगाने

 के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस से बेहतर कोई

 विकल्प नहीं था.


रमा का नेताजी से पहला सामना अचानक तब हुआ जब

 वह प्रशिक्षण केंद्र के इलाके की देख रहे करते हुए एक 

खाई  में गिरकर घायल हो गई. यहाँ शत्रु पक्ष की सेना ने भयंकर 

गोलाबारी की थी. आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया

. वहां सुभाष चंद्र बोस मौजूद थे. वह यह देखकर विस्मित हो गए 

कि एक कम उम्र की लड़की जिसके पैरों से कई जगह से लगातार

 खून बह रहा था, वह सामान्य रूप से अपनी मरहम-पट्टी कराए

ने का इंतजार कर रही थी. उसकी आंखों में कोई आँसू  नहीं थे

. उन्होंने उसकी पीठ थपथपाते हुए कहा,

“यह  तो एक शुरुआत भर है. ..एक छोटी-सी दुर्घटना थी. अभी

 बहुत बड़ी लड़ाइयों के लिए कमर कसनी है. देश की आजादी 

के जूनून में रहना है तो हिम्मत बनाये रखो. तुम जैसी 

लड़कियों के जूनून से ही हम,हमारा भारत देश आजाद हो

 कर रहेगा.”

रमा की आँखों में हिम्मत और ख़ुशी के आँसू निकल आए.

 वह जल्दी ही स्वस्थ होकर फिर से अपनी बटालियन के 

कामों में जुट गई. उसने जल्दी ही निशानेबाजी, घुड़सवारी

 और सैन्य बल में अपनी उपयोगिता सिद्ध करने वाले सब

 गुणों को सीख लिया था. उसका जूनून उसे किसी काम में

 आगे बढ़ने के लिए मदद करता. उसकी लगन के कारण ही

 रमा को जल्दी ही सिपाही से सेकंड लेफ्टिनेंट के पद पर

 प्रोन्नत कर दिया गया.

रमा का कहना है कि अभी भी जब वह किसी असहज

 स्थिति में फंस जाती है तो नेताजी के शब्द “आगे बढ़!”

 उसके कानों में इस तरह से गूँज जाते हैं कि वह अपनी

 मंजिल पर पहुँच ही जाती है.

रमा बताती हैं कि,

“युवा अवस्था में जीवन के वैभव और सारी सुख

-सुविधाओं को छोड़कर संघर्ष का पथ चुनना बहुत

 कठिन फैसला होता है. मैं भी आरंभिक दिनों में

 इतनी परेशान रहती थी कि अकेले में दहाड़ मार

र रोया करती. पर धीरे-धीरे समझ में आ गया. फिर,

 जब नेताजी से स्वयं मुलाकात हुई तो उसके बाद

 तो फिर कभी पीछे मुड़कर देखा ही नहीं. आरम्भिक

 दो महीनों मुझे जमीन पर सोना पड़ा. सादा भोजन

 मिलता था और अनथक काम वो भी बिना किसी 

आराम के करना बहुत कष्टकर था. मैंने मित्र भी बना

 कुछ भी असहज नहीं रहा.”

रमा की तैनाती एक नर्स के रूप में हुई जिस जिम्मेदारी

 को भी उसने बखूबी निभाया.  उसके लिए अनुशासन

समय का महत्त्व, काम के प्रति निष्ठा और जूनून--

 बस इन्हीं शब्दों की जगह रह गई थी. पहले उसे प्लाटून

 कमांडर बनाया गया और फिर सेकंड लेफ्टिनेंट.

जब आजाद हिन्द फ़ौज को ब्रिटिश सेना ने कब्जे में ले लिया

 तो रमा भी गिरफ्तार हुई. उसे बर्मा में ही नजरबंद कर दिया

 गया. सौभाग्य से जल्दी ही देश आजाद हो गया. तब वह मुंबई

 चली आई. उसका विवाह हो गया था. आजीविका के लिए पति

 का साथ देने का निश्चय किया. पहले एक निजी कंपनी में

 सेक्रेटरी का काम किया, फिर टूर गाइड बनी.

तब से अब तक वह सैलानियों को पर्यटन के रास्ते

 दिखाती रही है और तमाम किस्से सुनाया करती है.

 एक बार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने उन्हें

 राजनीतिक धारा में भाग लेने का आमन्त्रण भी 

दिया था, पर तब वह हवाई दुर्घटना में नेताजी की

 मृत्यु के समाचार से इतनी विचलित हो गई थी 

कि उसने राजनीति से दूर रहना ही उचित समझा.

बमुश्किल दो साल पहले ही उसने टूर गाइड के काम

 को विदा कहा है, पर अभी भी वह पूरी तरह स्वस्थ

 और मजाकिया है. कहती हैं,

“उम्र के कारण नहीं छोड़ा,  इसलिए छोड़ा है कि नई

 पीढी के लोगों को रास्ते मिलें. मेरी पारी तो खत्म हुई.”

उनके एक बेटी है. पति की मृत्यु सन १९८२ में हो गई थी

. सन २०१७ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनको बेस्ट

 टूरिस्ट अवार्ड से सम्मानित किया था. उनके जीवन पर

 एक वृत्त फिल्म भी बनी है, और एक किताब ‘जय हिन्द’

 भी प्रकाशित हुई है.


नमन आपको. 

००००






और भी hidden history के लिए Ynot App को जरूर डाउनलोड करे


Ynot App  ऐप में आपको और भी topics |


https://play.google.com/store/apps/details?id=com.exam.exampractice





Tuesday 25 August 2020

different soils in india , soils Alluvial Soil, Black Soil Red and Yellow Soil , Laterite Soil Arid Soil , Saline Soil , जलोढ़ मृदाएं , काली मृदाएं लाल और पीली मृदाएं , शुष्क मृदएं , लवण मृदाएं

 दोस्तों इस भाग में Soil के बारे में विस्तार से जानेंगे 




Soil को Genesis यानी उत्पत्ति , Color , Composition यानी रचना और Location आदि के आधार को लेकर इन्हे 8 वर्गों में बांटा गया है


 


और ये 8 Types हैं- 





  1.  Alluvial Soil यानी जलोढ़ मृदाएं  

  2. Black Soil यानी काली मृदाएं

  3. Red and Yellow Soil यानी लाल और पीली मृदाएं

  4. Laterite Soil 

  5. Arid Soil यानी शुष्क मृदएं 

  6. Saline Soil यानी लवण मृदाएं

  7. Peaty Soil यानी पीटमय मृदाए

  8. Forest Soil यानी वन मृदाएं





इसमें सबसे पहले Alluvial soils यानी जलोढ़ मृदाएं की बात करते हैं 


 



Alluvial Soil Grey Color की होती है और यह soil नदियों और धाराओं से बहकर आकर जमा होती है 


यह Soil सबसे ज्यादा पंजाब , हरियाणा , उत्तर प्रदेश , बिहार और कुछ बंगाल के हिस्सों में पाई जाती हैं


 


यह राजस्थान के Narrow हिस्सों में और गुजरात के हिस्सों में पाई जाती है


Alluvial Soil में Potash बहुत होती है जबकि Phosphorus की मात्रा बहुत कम होती है 


Note 

Potash को समझे तो यह एक प्रकार का Salt ore  होता है और Potash ore का Use Glass या Shop बनाने में अधिक होता है 




वहीं Phosphorus एक बहुत Reactive Element है जो Fertilisers में Use होता है 

  

Phosphorus सबसे अधिक मरने वाले Animals और उनके मल मूत्र के Deposits में सबसे ज्यादा होता है




अगर Alluvial soil का Deposits New हो और ये सालाना floods यानी बाढ़ के कारण जमा होता है तो इसे Khadar कहते हैं 


 



जबकि वह Soil जो सालाना floods से Deposits नहीं होती और वो काफी समय से धीरे-धीरे करके Deposits होती है उसे बांगर ( Bhangar) कहते हैं 








Black soil ( काली मृदाएं )



Black Soil गीली होने पर फूल जाती है और चिपचिपी हो जाती है और सूखने पर यह सिकुड़ जाती है और गर्मी के मौसम में इनमें चौड़ी - चौड़ी दरारें पड़ जाती हैं |


 


 इसकी विशेषता होती है कि लंबे समय तक इस Soil में नमी बनी रहती है इसलिए वह फसलें जो वर्षा पर निर्भर रहती हैं उन्हें गर्मी के दिनों में भी इनसे Moisture यानी नमी प्राप्त होती रहती है |


यह Soil Deccan plateau के राज्य जिनमें महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश , गुजरात , आंध्र प्रदेश और कुछ हिस्सा तमिलनाडु का भी वहां पर यह Soil पाई जाती है |




इस Black Soil में Lime , Iron , Magnesia और Alumina अधिक पाया जाता है 

इसमें Potash भी पाया जाता है लेकिन Phosphorus , Nitrogen और Organic की मात्रा कम होती है 


●□■●●□□□○□□■□□■●●●□□○●□□●●□□□



अब बात करते हैं Red and Yellow Soil यानी लाल और पीली मृदाएं | 



 Red Soil Deccan plateau के East और South  क्षेत्र में जहां कम वर्षा होती है और जहां अधिक crystalline Igneous Rocks होते हैं जिन्हे हिंदी में आग्नेय चट्टान कहते हैं वहां पर यह Soil पाई जाती हैं |




Note: 


दोस्तों Igneous Rocks के बारे में थोड़ा जान लेते हैं वैसे Rocks या चट्टाने तीन प्रकार की होती हैं -



  1.  Sedimentary Rocks यानी अवसादी चट्टानें यह धरती की ऊपरी सतह के मिट्टी , रेत , mineral , पानी और हवा आदि के इकट्ठा और जमने के कारण बनती है 


जैसे - कि  सीमेंट , रेत और पानी को मिलाकर जमाया जाता है | 



वही एक दूसरे प्रकार की Rocks होती है जिसे 


   Igneous Rocks या Magnetic Rocks भी कहते हैं |  इसे हिंदी में अग्निमय चट्टान कहा जाता है यह Igneous Rocks  , magma यानी ज्वालामुखी के ठन्डे होने से बनती है | 


और तीसरे Type की Rocks होती है जिसे 


 Metamorphic Rocks भी कहते हैं इसे हिंदी में रूपांतरित चट्टानें भी कहते हैं | 


यह Rocks existing Rocks में Temperature और Pressure की वजह से इसकी Form बदलती है और यह बनती है |


SLATE और Marble , Metamorphic Rocks की श्रेणी में आते हैं







 


जैसा कि हमने बताया था कि Red Soil वहां पाई जाती है जहां Igneous Rocks यानी अग्निमय चट्टाने पाई जाती हैं और जहां कम वर्षा होती है |


Red soil पश्चिम में तमिलनाडु , कर्नाटक , 

 दक्षिण में महाराष्ट्र , छत्तीसगढ़ , तेलंगाना , आंध्र प्रदेश , उड़ीसा , झारखंड के छोटा नागपुर plateau में पाई जाती हैं |




इनके अलावा कुछ अन्य जगहों पर जैसे - उत्तर प्रदेश के इलाकों में बांदा , हमीरपुर और West Bengal कुछ स्थानों पर पाई जाती हैं और North East के कई प्रदेशों में भी ये Soil पाई जाती हैं |


इसी Red Soil में अगर पानी हो तो यह Yellow Color यानी पीली भी दिखती है | 



इस Soil को ( पानी को रोक कर रखने की क्षमता ) कम होती है और इनमें Nitrogen , Phosphorus और Humus यानी उपजाऊ हेतु (Organic Matter ) आदि कमी होती है  |


●□■●●□□□○□□■□□■●●●□□○●□□●●□□□



अब बात करते हैं लेटराइट सॉइल 




लेटराइट सॉइल ,   चट्टानों के टूट-फूट से बनती है लेटराइट सॉइल में आयरन ( iron ) और एलुमिनियम ( Aluminium )  की अधिक मात्रा होती है |


 मकान बनवाने के लिए लेटराइट सॉइल का प्रयोग ईट बनाने में किया जाता है

और लेटराइट सॉइल को ईट के आकार में भी काटा जाता है |इस soil में  ह्यूमस ( humus)  यानी उपजाऊ हेतु ( organic matter)  ऑर्गेनिक पदार्थ की कमी होती है जबकि आयरन ऑक्साइड  ( iron oxide ) और पोटास ( potash ) अधिक होता है | 




 लेटराइट सॉइल भारत में कर्नाटक , केरला , तमिलनाडु ,  मध्य प्रदेश तथा उड़ीसा और आसाम के पहाड़ी इलाकों में पाई जाती है |




●□■●●□□□○□□■□□■●●●□□○●□□●●□□□


अब बात करते हैं Arid soil ,  इसे हिंदी में शुष्क मृदाए कहा जाता है |  




यह soil  , sand ( रेत )  की तरह होती है और यह नमकीन भी होती है |


कई जगह पर इस soil में नमक की मात्रा इतनी हो जाती है की पानी में घोलकर , फिर पानी को evaporate करने के बाद  , इससे नमक प्राप्त किया जा सकता है |


जैसा कि यह soil रेतीली होती है , इसी कारण इसके तल में कंकर कि (layer) परत बन जाती है  , जिससे पानी का infiltration यानी पानी का रिसाव सीमित हो जाता है |

इसलिए सिंचाई के पौधों को अधिक नमी मिलती है 




यह soil  पश्चिमी राजस्थान में पाई जाती है | 




जहां यह पाई जाती है वहां temperature अधिक होने से ,  इसमे नमी और humus की कमी रहती है |


इस soil  में nitrogen  की कमी होती है  , पर phosphate  पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है |



□■●○□□■○●□■■○○□■■●●■□●○□■□●●□■



अब बात करते हैं saline soil  की ,  इसे हिंदी में लवण मृदाए कहते हैं |





यह soil  को कुशल के नाम से भी जाना जाता है ,  इस soil  में सोडियम (sodium) , पोटेशियम (potasium),  मैग्नीशियम (magnesium)  की मात्रा अधिक होती है | 


और इसलिए यह soil उपजाऊ हेतु अनिवार्य नहीं होती है | 

इस soil  में नमक अधिक होने के दो कारण होते हैं जिनमें पहला कारण है dry climate यानी शुष्क जलवायु ,  और दूसरा कारण है poor drainage यानी खराब अपवाह या कहे पानी का जमा होना | 



इस तरह के soilarid या semi-arid soil  ,  जहां पानी की  भीषण कमी होती है  , या फिर  जीव जंतु का पालन पोषण करने के लिए  पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होता है ,  उन जगहों पर यह Soil पाई जाती पाई जाती है | 




यह soil ,   waterlodged areas जहां पानी इकट्ठा होता रहता है वहां या फिर swampy areas यानी दलदल इलाकों में भी है soil पाई जाती है |





यह soil पश्चिमी गुजरात के ( Runn of kutch ) रण आफ कच्छ में , ( Eastern ghats deltas ) ईस्टर्न घाट के  डेल्टास में तथा पश्चिम बंगाल ( West Bengal )  के सुंदरबन के इलाकों में पाई जाती है | 



 खेती के उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी होती है वहां अधिक पानी देने के कारण soil  के ऊपर नमक की मात्रा अधिक जमा होने लगती है इन जगहों पर खासकर पंजाब और हरियाणा में किसानों को जिप्सम ( Gypsum )  use  करने की सलाह दी जाती है जिससे नमक जमने की  समस्या हल  हो जाती है |




□■●○□□■○●□■■○○□■■●●■□●○□■□●●□■



अब बात करते हैं Peaty Soil पीटमय मृदाएं 




यह soil  उन areas  में पाई जाती है ,  जिनमे भारी वर्षा होती है और humidity ( नमी )  बहुत अधिक होती है | 



इस soil  में उपजाऊ ( Organic matter ) ऑर्गेनिक मैटर की मात्रा अधिक होती है  , यह दिखने में ब्लैक कलर ( black color) की होती है | 



बिहार के उत्तरी भाग ( easter bihar ) में   , उत्तरांचल के दक्षिणी भाग ( Southern Uttranchal )  में  में पाई जाती है  , इसके अलावा पश्चिम बंगाल  , उड़ीसा और तमिलनाडु के ( Coastal Areas )  , कॉस्टल एरिया (Coastal Areas )  में पाई जाती हैं | 


□■●○□□■○●□■■○○□■■●●■□●○□■□●●□■




अब बात करते हैं कि Forest Soil ( वन  मृदाएं ) की |






Forest Soil  जैसा कि नाम है जंगलों में पाई जाती है  , जहां पर्याप्त बरसा नहीं होती है | 



ऐसे जंगल हिमालय में पाए जाते हैं और यह राज्य हैं जम्मू कश्मीर ( Jammu & Kashmir ) , उत्तराखंड ( Uttrakhand ) , सिक्किम (Sikkim)  ,हिमाचल प्रदेश ( Himachal Pradesh )   और अरुणाचल प्रदेश  ( Arunachal Pradesh)




और भी  हैंड नोट्स के लिए Ynot App को जरूर डाउनलोड करे


Ynot App  ऐप में आपको और भी topics मिलेंगे जिससे आपको तैयारी करना आसान होगा |


https://play.google.com/store/apps/details?id=com.exam.exampractice


Search Any topic , section , query