कौन सा रोग किन जीवाणु से होता है और उनके लक्षण आदि के बारे में से जानेंगे
Salmonella Typhi एक रोगजनक जीवाणु है जिससे टाइफाइड फीवर होता है
यह जीवाणु दूषित Contaminated यानी भोजन और पानी से छोटी आंत यानी Small Intestine में घुस जाता है
और वहां से ब्लड द्वारा शरीर के अन्य भागों में पहुंच जाता है
इस रोग के लक्षण लगातार हाई फीवर , कमजोरी , अमाशय में दर्द , कब्ज , सिर दर्द और भूख न लगना आदि है
गंभीर मामलों में आंत में छेद और मृत्यु भी हो सकती है
टाइफाइड फीवर की पुष्टि Confirmation यानी विडाल परीक्षण से हो सकती है
इसी तरह Streptococcus Pneumoniae और Haemophilus influenzae जैसे जीवाणु द्वारा निमोनिया रोग होता है
इस रोग में फेफड़ों के वायुकोष्ठ यानी Alveoli संक्रमित हो जाते हैं जिसके कारण वायुकोष्ठो में तरल भर जाता है
जिसके कारण सांस लेने में बहुत दिक्कत होती है
इस रोग के लक्षण फीवर , कपकपाहट , खांसी और सिर दर्द आदि होते हैं
यह रोग संक्रमित व्यक्ति यानी Infected Person के गिलास या बर्तन को Use करने से या Aerosol (एयरोसोल) सांस द्वारा अंदर लेने से होता है
इसी प्रकार जीवाणुओं द्वारा बहुत से रोग जैसे-
दस्त (Dysentery) , महामारी (Plague) , डिप्थीरिया (Diphtheria) आदि रोग होते हैं
मानव में कुछ रोग प्रोटोजोआ (Protozoans) से भी होते हैं
जैसे - मलेरिया (Malaria)
दोस्तों प्रोटोजोआ एककोशिकी जीव है इसके बारे में जानने के लिए मेरी Cell वाली वीडियो जरूर देखें मलेरिया रोग एक Plasmodium (प्लाज्मोडियम) नाम के एक बहुत छोटे से Protozoans से होता है
Plasmodium की विभिन्न जातियां हैं
जैसे - Play Vivax , Play Malaria , Play Falciparum ये Protozoans विभिन्न प्रकार के मलेरिया रोग उत्पन्न करते हैं
इसमें सबसे घातक Play Falciparum द्वारा होने वाला रोग Malignant Malaria सबसे गंभीर है इसके बारे में जानते हैं
जब मादा Anophels यह एक मच्छर होता है इसकी लार ग्रंथि (Saliviary glan) में प्लाज्मोडियम (Plasmodium) जीवाणुज sporozoites होते हैं जब यह मच्छर किसी मानव को काटता है तब यह जीवाणुज मानव के शरीर में घुस जाते हैं और मानव के लीवर में ये जीवाणु अपनी संख्या बढ़ाते जाते हैं और फिर लाल रुधिर कणिकाएं (Red Blood Cell) पर अटैक करते हैं जिससे लाल रक्त कणिकाएं फट जाती हैं इनके फटने से एक विषैला पदार्थ Haemozoin (हीमोजोइन) निकलता है जिससे ठिठुरन यानी सर्दी और 3 से 4 दिन के अंदर High Power Fever आता है जो मलेरिया रोग होता है
इसी प्रकार जब मानव की बड़ी आँत (large intestine) में Entamoeba histolytica नामक
Protozoan पैरासाइट प्रवेश कर जाता है
दोस्तों पैरासाइट वह जीव होते हैं जो दूसरे जीवो में प्रवेश करके उनके अंदर रहते हैं
तब मानव को अमीबता या Amoebiasis या
अमीबी अतिसार Amoebic dysentery नमक रोग होता है इसके लक्षण हैं जब मानव को कब्ज (Constipition) कब्ज पाचन तंत्र की उस Condition को कहते हैं
जिसमें कोई भी व्यक्ति या जानवर का मल बहुत कड़ा हो जाता है और उसे त्यागने में परेशानी होती है और पेट में दर्द और ऐंठन और अत्यधिक श्लेष्मल (Stools) और रक्त के थक्के वाला मर यानी (Blood stock) इस रोग के लक्षण है
इस रोग का मुख्य कारण घरेलू मक्खियां है जो पैरासाइट को संक्रमित व्यक्ति यानी रोगी व्यक्ति के मल पर बैठ जाती है और फिर पैरासाइट को ला कर खाने पीने वाले पदार्थों पर बैठ जाती है जिससे यह रोग होता है
इसी प्रकार मनुष्य को एक एस्कारियासिस (Ascariasis) नामक रोग होता है जो आंत्र परजीवी Ascaris (Intestinal parasite) से होता है
जिसमें आंतरिक रक्तस्राव (Internal Bleeding) , पेशीय पीड़ा (Muscular pain) , बुखार
(Fever) , खून की कमी (Anemia) , आंत्र का अवरोध (Blockage intestinal passage) आदि इसके लक्षण हैं
यह रोग रोगी व्यक्ति के मल से इस पैरासाइट Ascaris के अंडे बाहर आ जाते हैं जो मिट्टी , जल , पौधों आदि को दूषित कर देते हैं स्वस्थ व्यक्ति में यह रोग दूषित पानी , साग सब्जियों फलो आदि खाने से होता है
अब Next है Wucheria जो कि एक फाइलेरियल Worm है जो अधिकतर Lower Limbs की Lymphatic vessel में रहते हैं
दोस्तों मानव शरीर में Limbs उन अंगों को कहा जाता है जिनमें Joint होता है जैसे
Leg या Hand
और Lymphatic vessel उन vessel को कहते हैं जिनमें Lymph यानी Liquid बहता है
ये Worm जिन अंगों में सालों साल रहते हैं वे अंग धीरे-धीरे सूजते रहते हैं इस बीमारी को Elephantiasis या Filariasis कहते हैं
यानी जिसे हम फाइलेरिया या हाथीपाव बोलते हैं
इसी प्रकार बहुत से कवक यानी फंगी
जैसे - Microsporum , Trichophyton , और Epidermophyton आदि कवकों से मनुष्य में संक्रामक रोग , Ringworms यानी दाद होता है
शरीर के विभिन्न भागों में जैसे त्वचा , सर की खाल आदि का सूखना तथा Scaly Lesions , गंजापन (Baldness) आदि भी इसके लक्षण हैं
बहुत से विषाणु यानी Viruses भी मानव में रोग फैलाते हैं जैसे - विषाणुओं का एक समूह Rhino viruses है जो मनुष्य में सामान्य जुखाम फैलाता है ये Nose और Respiratory system को संक्रमित करती है जबकि Lung को यह संक्रमित नहीं करती हैं इसके लक्षण हैं
नाक बंद यानी (Nasal congestion) या नाक बहना (Nasal discharge) , फटी आवाज (Sore throat) , खांसी (Cough) , सिरदर्द (Headache) , थकावट (Tiredness) आदि होते हैं
इसी प्रकार मानव के शरीर में एड्स रोग होता है एड्स रोग विषाणु यानी वायरस द्वारा होता है यह विषाणु HIV यानी Human Immuno deficiency virus होता है
HIV पश्चविषाणु यानी (Retrovirus) के समूह में आता है पश्चविषाणु R.N.A Xenon को ढकने का काम करता है यह रोग मुख्यतः निम्न कारणों से होता है
रोगी व्यक्ति के यौन संपर्क से
दूषित रक्त को लेने से
रोगी व्यक्तियों के लगे इंजेक्शन के प्रयोग से
रोगी मां से अपरा यानी गर्भ द्वारा उसके बच्चे में
इस तरीके से एड्स रोग होता है
अब जानते हैं कैंसर Cancer के बारे में -
हमारे शरीर में कोशिकाओं की वृद्धि होती रहती है और शरीर को जितनी कोशिकाओं की जरूरत होती है उतनी विभाजित होती रहती हैं और बढ़ती रहती हैं कभी-कभी ऐसा होता है कि शरीर को कोशिकाओं की जरूरत नहीं होती है और फिर भी यह धरती रहती हैं यह बढ़ती हुई असामान्य कोशिकाएं कैंसर कोशिकाएं हैं कैंसर कोशिकाएं लगातार विभाजित होना जारी रखती हैं और कोशिकाओं का भंडार बना लेती हैं जिसे अर्बुद यानी Tumor कहते हैं
अर्बुद दो प्रकार के होते हैं -
सुदम अर्बुद (Benign)
दुर्दम अर्बुद (Malignant)
सुदम अर्बुद अपने मूल स्थान तक ही रहते हैं शरीर के दूसरे भागों में नहीं फेलते इन से शरीर को मामूली सा नुकसान होता है
लेकिन दुर्दम अर्बुद कोशिकाएं जिन्हें नवद्रवीय यानी (Neoplastic) कोशिका कहते हैं
ये शरीर में बहुत तेजी से बढ़ती हैं और सामान्य उतको यानी Tissues पर हमला करके उन्हें नुकसान पहुंचाती हैं
ये दुर्दम अर्बुद कोशिकाएं रक्त द्वारा पूरे शरीर में पहुंच जाती हैं और जहां भी ये जाती है वहां नय अर्बुद बनाना प्रारंभ करती हैं
इसका सबसे डरावना गुण Metastasis है अर्बुद का ही रूप है
सामान्य कोशिकाओं को कैंसरी कोशिका का रूप देने वाले कारक भौतिक रासायनिक अथवा जैविक हो सकते हैं
ये कारक कैंसर जन कहलाते हैं और एक्स किरण और गामा किरणों
जैसे आयनकारी विकिरण यानी ionizing Radiation और पराबैंगनी आयनकारी विकिरण D.N.A को नुकसान पहुंचाते हैं इन से भी कैंसर कोशिकाओं का रूपांतरण होता है इसके साथ तंबाकू के धुए में मौजूद रासायनिक कैंसर जन फेफड़ों के कैंसर के मुख्य कारण है
कैंसर उत्पन्न करने वाले विषाणु अर्बुदीय विषाणु यानी Oncozine virus कहलाते हैं इनमें जो जीन होते हैं उन्हें जीन विषाणुवीय अर्बुद जीन virus Oncozine कहते हैं
अब टी.बी रोगी के के बारे में जानते हैं इसे Tuberculosis (T.B) , यक्ष्मा, तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी के नाम से भी जानते हैं यह एक संक्रामक रोग होता है जो ज्यादातर फेफड़ों को प्रभावित करता है
टी.बी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के द्वारा फैलता है हवा में सांस ले कर टी.बी के बैक्टीरिया अंदर आ जाते हैं और मानव टी.बी से ग्रस्त हो जाता है यह बैक्टीरिया उन व्यक्तियों द्वारा छोड़े जाते हैं जिन्हें पहले से ही टी.बी होता है
यह शरीर के उन भागों में बढ़ता है जिनमें खून और ऑक्सीजन होता है इसलिए टी.बी Maximum फेफड़ों में होता है
इसे पल्मोनरी टी.बी कहते हैं
टी.बी शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है इसके लक्षण लगातार 3 हफ्ते से ज्यादा निरंतर कफ वाली खांसी होना , थकान और वजन घटना आदि हैं
अगला है मधुमेह रोग जिसे हम Diabetes Mellitus या D.M के नाम से भी जानते हैं
यह रोग जब मानव के अग्नाशय यानी pancreas पर्याप्त इंसुलिन उत्पादन नहीं करते या शरीर में इंसुलिन रहता ही नहीं है तब यह रोग होता है
इंसुलिन या मधुसूदनी यह एक कोशिकाओं से स्त्रावीय होने वाला जंतु हार्मोन होता है
यह शरीर में ग्लूकोज के उपापचय को नियंत्रित करता है डायबिटीज के रोगियों को हर बार खाना खाने से पहले इंसुलिन इंजेक्शन लेना पड़ता है जिससे भोजन से मिलने वाली शुगर को रक्त के जरिए कोशिका तक पहुंचाया जाता है
इंसुलिन की मदद से कोशिकाएं शुगर को सकती है इस रोग के लक्षण हैं मानव को बहुत प्यास लगती है और बार - बार पेशाब आता है हमेशा थकान महसूस होती है जल्दी भूख लगने लगती है शरीर के घावो को ठीक होने में मुश्किल होती है बजन में भी कमी बाल गिरना धुंधली दृष्टि , त्वचा का सूखापन या खुजली होना आदि डायबिटीज के लक्षण है