प्रेमचंद , 
जन्म     : सन् 1980 (वाराणसी ,  ग्राम लमही )
बचपन का नाम : धनपत राय
बचपन का नाम : धनपत राय
प्रेमचंद ने अपने लेखन की शुरुआत पहले उर्दू में नवाब राय के नाम से कि, बाद में हिंदी में लिखने लगे
संबोधित   : उपन्यास सम्राट 
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था उपन्यास के क्षेत्र में
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने उन्हें उपन्यास के क्षेत्र में उनके योगदान को देखकर उपन्यास सम्राट कहकर संबोधित किया था उपन्यास के क्षेत्र में
इनकी प्रमुख रचनाएं हैं - 
        ● मानसरोवर  , ● शतरंज के खिलाड़ी          
● गोदान , ● कर्मभूमि ,
● गोदान , ● कर्मभूमि ,
        ● सेवासदन ,   ●  निर्मला ,  ● रंगभूमि 
● गबन , ● गुप्तधन , ● प्रेम आश्रम
● गबन , ● गुप्तधन , ● प्रेम आश्रम
       ● कर्बला , ●  संग्राम ,  
       ●प्रेम की वेदी ( नाटक )
       ● विविध प्रसंग  ● ईदगाह  
       ● कुछ विचार
इनकी प्रमुख पत्रिकाएं -  
                ● माधुरी , ●  हंस ,  ● मर्यादा
                ● जागरण 
इनकी प्रमुख कहानियां -  
                ●  बूढ़ी काकी ,  ●  कफन , 
                ● पूस की रात
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भारतेंदु हरिश्चंद्र , 
जन्म   :  9 सितंबर 1850 ( वाराणसी )
उन्होंने
   ● समानधर्मा रचनाकारों को प्रेरित प्रोत्साहित 
       किया
   ●  तदीय समाज की स्थापना की
   ●  कविवचनसुधा नामक पत्रिका निकाली
   ●  हरिश्चंद्र  मैगजीन का संपादन किया संपादक  किया
   ● स्त्री शिक्षा के लिए उन्होंने बालाबोधिनी  पत्रिका का प्रकाशन किया
   ● बांग्ला के नाटकों
( □ धनंजय विजय , □ विद्या सुंदर □ पाखंड विडंबन □ सत्य हरिशचंद्र □ मुद्राराक्षस )
▪▪▪▪आदि का अनुवाद किया
( □ धनंजय विजय , □ विद्या सुंदर □ पाखंड विडंबन □ सत्य हरिशचंद्र □ मुद्राराक्षस )
▪▪▪▪आदि का अनुवाद किया
उनके मौलिक नाटक है
  ● वैदिक हिंसा हिंसा न भवति
  ● श्री चंद्रावली     
  ● भारत दुर्दशा
  ● अंधेर नगरी
  ● नील देवी
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अमरकांत ,
जन्म      : सन् 1925 
( बलिया , नगरिया गांव उत्तर प्रदेश )
( बलिया , नगरिया गांव उत्तर प्रदेश )
मूल नाम  : श्री राम वर्मा
साहित्यिक जीवन : 
  ● प्रारंभ में उन्होंने आगरा से प्रकाशित  होने वाला दैनिक पत्र सैनिक से शुरुआत की|
  ● उन्होंने दैनिक अमृत पत्रिका तथा  दैनिक भारत के संपादकीय विभाग में  काम किया उन्होंने 
  ● अपनी कहानियों से शहरी और ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण  किया है
 ● मुख्यत: कहानियों में मध्यवर्ग के जीवन की वास्तविकता और विसंगतियां को व्यक्त  किया है
 ● वर्तमान समाज में अमानवीयता,  हृदयहीनता, पाखंड , आडंबर आदि को उन्होंने अपनी कहानियों में व्यक्त किया 
मुख्य रचनाएं : 
         ● जिंदगी और जोंक
         ● देश के लोग
         ● मौत का नगर
         ● मित्र - मिलन
         ● कुहासा ( कहानी संग्रह )
         ● सूखा पत्ता
         ● ग्राम सेविका
         ● काले उजले दिन
         ● सुख जीबी
         ● बीच की दीवार
         ● इन्हीं हथियारों से (उपन्यास )
            ‘ इन्हीं हथियारों से ‘ उपन्यास के लिए उन्हें 2007 में 
                साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया
          ● ‘दोपहर का भोजन ‘ ( बाल साहित्य )
☆ सन 2009 मैं भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार श्रीलाल शुक्ल के साथ संयुक्त रूप से दिया गया|
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हरिशंकर परसाई
जन्म : सन् 1922 ( होशंगाबाद गांव , जमानी)
वह अपने लेखों में समाज में आई विसंगतियों और विडंबनाओ पर करारी चोट करते हुए चिंतन और कर्म की प्रेरणा देते थे
☆ उन्होंने जबलपुर से वसुधा नामक साहित्यिक पत्रिका निकाली
मुख्य रचनाएं  : 
              ● हंसते हैं रोते हैं
              ● जैसे उनके दिन फिरे( कहानी संग्रह)
              ● रानी नागफनी की कहानी
              ● तट की खोज ( उपन्यास )
              ● तब की बात और थी 
              ● भूत के पांव पीछे
              ● बेईमानी की परत
              ● पगडंडियों का जमाना
              ● सदाचार की ताबीज
              ● शिकायत मुझे भी है
              ● और अंत में ( निबंध संग्रह )
              ● वैष्णव की फिसलन
              ● तिरछी रेखाएं
              ● ठिठुरता हुआ गणतंत्र
              ● विकलांग श्रद्धा का दौर 
                   ( व्यंग लेख  संग्रह )



