Asked By : Seema(Ynot App)
मलिक काफ़ूर को हज़ार दीनारी क्यों कहा गया था ?
□ उसे 1000 दीनार में ख़रीदा गया था।
□ वह 1000 सैनिकों का प्रधान था।
□ उसके पास 1000 गाँवों का स्वामित्व था।
□ वह 1000 दीनार प्रतिदिन दान करता था।
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Answered By : Shivani(Top Voted)
Correct Option : 1 (उसे 1000 दीनार में ख़रीदा गया था)
'मलिक काफ़ूर' मूलतः हिन्दू जाति का एक किन्नर था। उसे नुसरत ख़ाँ ने एक हज़ार दीनार में ख़रीदा था, जिस कारण उसका एक अन्य नाम 'हज़ार दीनारी' पड़ गया।
नुसरत ख़ाँ ने मलिक काफ़ूर को ख़रीदकर 1298 ई. में गुजरात विजय से वापस जाने पर सुल्तान अलाउद्दीन ख़िलजी के समक्ष तोहफ़े के रूप में प्रस्तुत किया।
1316 ई. में अलाउद्दीन ख़िलजी की मृत्यु के बाद मलिक काफ़ूर ने सुल्तान के नाबालिग लड़के को सिंहासन पर बैठाकर राज्य की सम्पूर्ण शक्ति को अपने हाथ में केंद्रित कर लिया।
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