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Sunday 21 April 2019

महावीर स्वामी 'यती' कब कहलाए , महावीर स्वामी , जीतेंद्र

Asked By : Riya(Ynot App)

महावीर स्वामी 'यती' कब कहलाए?

□ घर त्यागने के बाद

□ इन्द्रियों को जीतने के बाद

□ ज्ञान प्राप्त करने के बाद

□ उपर्युक्त में से कोई नहीं

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Answered By : Shivani(Top Voted)

Correct Option : 1 ( घर त्यागने के बाद )

कलिंग नरेश की कन्या यशोदा से महावीर का विवाह हुआ था।

किंतु 30 वर्ष की उम्र में ही अपने ज्येष्ठ बंधु की आज्ञा लेकर इन्होंने घर-बार छोड़ दिया और तपस्या करके 'कैवल्य ज्ञान' प्राप्त किया।
घर त्यागने के बाद वह यती कहलाए |

महावीर ने पार्श्वनाथ के आरंभ किए तत्वज्ञान को परिमार्जित करके उसे जैन दर्शन का स्थायी आधार प्रदान किया।

महावीर ऐसे धार्मिक नेता थे, जिन्होंने राज्य का या किसी बाहरी शक्ति का सहारा लिए बिना ही केवल अपनी श्रद्धा के बल पर जैन धर्म की पुन: प्रतिष्ठा की।

आधुनिक काल में जैन धर्म की व्यापकता और उसके दर्शन का पूरा श्रेय महावीर को दिया जाता है। भगवान महावीर ने अपनी इन्द्रियों को जीत लिया था, जिस कारण इन्हें 'जीतेंद्र' भी कहा जाता है।

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Saturday 20 April 2019

महावीर स्वामी , महावीर ने 'जैन संघ' की स्थापना कहाँ की थी

Asked By : Salini(Ynot App)

महावीर ने 'जैन संघ' की स्थापना कहाँ की थी?

□ कुण्डग्राम
□ वैशाली
□ पावापुरी
□ वाराणसी

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Answered By : Shivani(Top Voted)

Correct Option : 3 पावापुरी

बिहार शरीफ़' से लगभग आठ किलोमीटर की दूरी पर दक्षिण-पूर्व पावापुरी जैनियों का प्रमुख तीर्थ स्थल है। जैन धर्म के ग्रंथ 'कल्पसूत्र' के अनुसार महावीर स्वामी ने पावापुरी में एक वर्ष बिताया था। यहीं उन्होंने अपना प्रथम धर्म-प्रवचन किया था, इसी कारण इस नगरी को जैन धर्म के संम्प्रदाय का सारनाथ माना जाता है। महावीर स्वामी द्वारा 'जैन संघ' की स्थापना पावापुरी में ही की गई थी। उनकी मृत्यु 72 वर्ष की आयु में 'अपापा' के राजा हस्तिपाल के लेखकों के कार्यालय में हुई थी। कनिंघम ने पावा का अभिज्ञान कसिया के दक्षिण पूर्व में 10 मील पर स्थित फ़ाज़िलपुर नामक ग्राम से किया है।अधिक जानकारी के लिए देखें:-पावापुरी

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