Friday 28 February 2020

shivling - शिवलिंग- की महत्वता अध्यात्म - शिवलिंग के बारे में

शिवलिंग : की महत्वता अध्यात्म ,  शिवलिंग के बारे में


शिवलिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण प्रतिमा पृथ्वी पर कभी नहीं खोजी गई।

उसमें आपकी आत्मा का पूरा आकार छिपा है।

और आपकी आत्मा की ऊर्जा एक वर्तुल में घूम सकती है, यह भी छिपा है। और जिस दिन आपकी ऊर्जा आपके ही भीतर घूमती है और आप में ही लीन हो जाती है, उस दिन शक्ति भी नहीं खोती और आनंद भी उपलब्ध होता है।

और फिर जितनी ज्यादा शक्ति संगृहीत होती जाती है, उतना ही आनंद बढ़ता जाता है।

*हमने शंकर की प्रतिमा को, शिव की प्रतिमा को अर्धनारीश्वर बनाया है।*


शंकर की आधी प्रतिमा पुरुष की और आधी स्त्री की- यह अनूठी घटना है।

जो लोग भी जीवन के परम रहस्य में जाना चाहते हैं, उन्हें शिव के व्यक्तित्व को ठीक से समझना ही पड़ेगा।

और देवताओं को हमने देवता कहा है, शिव को महादेव कहा है। उनसे ऊंचाई पर हमने किसी को रखा नहीं।

उसके कुछ कारण हैं।

उनकी कल्पना में हमने सारा जीवन का सार और कुंजियां छिपा दी हैं।

अर्धनारीश्वर का अर्थ यह हुआ कि *जिस दिन परममिलन घटना शुरू होता है, आपका ही आधा व्यक्तित्व आपकी पत्नी और आपका ही आधा व्यक्तित्व आपका पति हो जाता है।*

आपकी ही आधी ऊर्जा स्त्रैण और आधी पुरुष हो जाती है।

और इन दोनों के भीतर जो रस और जो लीनता पैदा होती है, फिर शक्ति का कहीं कोई विसर्जन नहीं होता।

अगर आप बायोलॉजिस्ट से पूछें आज, वे कहते हैं- हर व्यक्ति दोनों है, बाई-सेक्सुअल है।

वह आधा पुरुष है, आधा स्त्री है।

होना भी चाहिए, क्योंकि आप पैदा एक स्त्री और एक पुरुष के मिलन से हुए हैं। तो आधे-आधे आप होना ही चाहिए।
अगर आप सिर्फ मां से पैदा हुए होते, तो स्त्री होते।
सिर्फ पिता से पैदा हुए होते, तो पुरुष होते।

लेकिन आप में पचास प्रतिशत आपके पिता और पचास प्रतिशत आपकी मां मौजूद है।

आप न तो पुरुष हो सकते हैं, न स्त्री हो सकते हैं- *आप अर्धनारीश्वर हैं।*




बायोलॉजी ने तो अब खोजा है, लेकिन हमने अर्धनारीश्वर की प्रतिमा में आज से पचास हजार साल पहले इस धारणा को स्थापित कर दिया।

यह हमने खोजी योगी के अनुभव के आधार पर।

*क्योंकि जब योगी अपने भीतर लीन होता है, तब वह पाता है कि मैं दोनों हूं। और मुझमें दोनों मिल रहे हैं।*

मेरा पुरुष मेरी प्रकृति में लीन हो रहा है; मेरी प्रकृति मेरे पुरुष से मिल रही है।

और उनका आलिंगन अबाध चल रहा है; एक वर्तुल पूरा हो गया है।

मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि आप आधे पुरुष हैं और आधे स्त्री। आपका चेतन पुरुष है, आपका अचेतन स्त्री है।

और अगर आपका चेतन स्त्री का है, तो आपका अचेतन पुरुष है।

उन दोनों में एक मिलन चल रहा है।

शिव की जगह-जगह पूजा हो रही है, लेकिन पूजा की बात नहीं है।

शिवत्व उपलब्धि की बात है।

वह जो शिवलिंग तुमने देखा है बाहर मंदिरों में, वृक्षों के नीचे, तुमने कभी ख्याल नहीं किया, उसका आकार ज्योति का आकार है।

जैसे दीये की ज्योति का आकार होता है।
शिवलिंग अंतर्ज्योति का प्रतीक है।

जब तुम्हारे भीतर का दीया जलेगा तो ऐसी ही ज्योति प्रगट होती है, ऐसी ही शुभ्र!

यही रूप होता है उसका।

और ज्योति बढ़ती जाती है, बढ़ती जाती है।
और धीरे धीरे ज्योतिर्मय व्यक्ति के चारों तरफ एक आभामंडल होता है;

उस आभामंडल की आकृति भी अंडाकार होती है।

रहस्यवादियों ने तो इस सत्य  को सदियों पहले जान लिया था।

लेकिन इसके लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं थे। लेकिन अभी रूस में  एक बड़ा वैज्ञानिक प्रयोग हो रहा है किरलियान फोटोग्राफी।



मनुष्य के आसपास जो ऊर्जा का मंडल होता है,
अब उसके चित्र लिये जा सकते हैं। इतनी सूक्ष्म फिल्में बनाई जा चुकी हैं, जिनसे न केवल तुम्हारी देह का चित्र बन जाता है, बल्कि देह के आसपास जो विद्युत प्रगट होती है, उसका भी चित्र बन जाता है। और किरलियान चकित हुआ है, क्योंकि जैसे -जैसे व्यक्ति शांत होकर बैठता है,

वैसे – वैसे उसके आसपास का जो विद्युत मंडल है,
उसकी आकृति अंडाकार हो जाती है।

उसको तो शिवलिंग का कोई पता नहीं है, लेकिन उसकी आकृति अंडाकार हो जाती है।

शांत व्यक्ति जब बैठता है - ध्यान तो उसके आसपास की ऊर्जा अंडाकार हो जाता है।

अशांत व्यक्ति के आसपास की ऊर्जा अंडाकार नहीं होती, खंडित होती है, टुकड़े -टुकड़े होती है। उसमें कोई संतुलन नहीं होता। एक हिस्सा छोटा- कुरूप होती है।

शिवलिंग ध्यान का प्रतीक है। वह ध्यान की आखिरी गहरी अवस्था का प्रतीक है। और जिसने ध्यान जाना हो, उसके ही भीतर गोरख जैसा ज्ञान पैदा होता है।

संतों की परंपरा में गोरख का बड़ा मूल्य है। क्योंकि गोरख ने जितनी  ध्यान को पाने की विधिया दी है उतनी किसी ने नहीं दी हैं।

गोरख ने जितने द्वार ध्यान के खोले, किसी ने नहीं खोले।
गोरख ने इतने द्वार खोले ध्यान के कि , गोरख के नाम
से एक शब्द भीतर चल पड़ा है- गोरखधंधा!

गोरख ने इतने द्वार खोले  कि लोगों को लगा कि यह
तो उलझन की बात हो गयी। गोरख ने एक- आध द्वार नहीं खोला, अनंत द्वार खोल दिये! गोरख ने इतनी बातें कह दीं, जितनी किसी ने कभी नहीं कही थीं।

बुद्ध ने ध्यान की एक प्रक्रिया दी है, विपस्सना; बस पर्याप्त।

महावीर ने ध्यान की एक प्रक्रिया दी है, शुक्ल ध्यान; बस पर्याप्त।

पतंजलि ने ध्यान की एक प्रक्रिया दी है, निर्विकल्प समाधि। बस पर्याप्त।

गोरख ने परमात्मा के मंदिर के जितने संभव द्वार हो सकते हैं, सब द्वारों की चाबिया दी हैं। लोग तो उलझन में पड़ गये, बिबूचन में पड़ गये, इसलिए गोरखधंधा शब्द बना लिया।

जब भी कोई बिबूचन में पड़ जाता है , तो वह कहता है बड़े गोरखधंधे में पड़ा हूं।

तुम्हें भूल ही गया है कि गोरख शब्द कहां से आता है;
गोरखनाथ से आता है। गोरखनाथ अद्भुत व्यक्ति हैं।

उनकी गणना उन थोड़े -से लोगों में होनी  चाहिए-कृष्ण, बुद्ध, महावीर, पतंजलि, गोरख…  बस।

इन थोड़े – से लोगों में ही उनकी गिनती हो सकती है।
वे उन परम शिखरों में से एक हैं।
source
* ओशो *

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Tuesday 25 February 2020

Heart touching LovE stoRy must read दिल को छू लेने वाली कहानी


Heart touching LovE stoRy must read
दिल को छू लेने वाली कहानी



Girl- Hii
Boy- Hlw

Girl- kese ho tum ..??
Boy- acha hu tum btao

Girl- me b thik hu muje tmse kch khna h
Boy- Ha kaho


Girl- I lve u yr me tmse bahut pyr krti hu
Boy- bt tum janti ho me kisi Or ko like krta hu


Girl- me janti hu yr but kya kru muje tmse pyr jo ho gya h
Boy- sry yrr but me tmse pyr ni krta


.
(Or ldka wha se chla jata h Or girl rone lg jati h)
.
Fir kuch tym baad ldki dusre saher chali jati h Or
wo ldka bahut akela feel krta h bcz usse us ldki
se pyr ho gya tha wo us ldki ko dudhne ki bahut
kosis krta h pr wo use ni milti h
.
Fir ek din us ldki ka call us ldke ke pas ata.


Girl- Hi
Boy- Hlw kaha ho tum tmhe kitna dhudha Or tmne apna nmber b change kr liya ek bar b muje yaad ni kiya.



.
Girl- tmhare mna krne ke bad m bilkul tut chuki
thi Or yaad to use kiya jata h jise kbi bhula ho tum
to meri rooh m bse ho pr tum itna q preshan ho
rhe ho
.
Boy- bcz I love u i love u yr tmhare jane ke bad muje tmhare pyr ka ehsas hua sry yr



.
Girl- it's ok mere papa meri shadi ke liye ldka dekh rhe h me tmse aakhri bar milna chahti hu
.
Boy- ok me abi ata hu tum apna addres do
.
Girl- hmm
.
Ldka wha phuch jata h wha ldki uska wait kr rhi
hoti h
.
Boy- sry yr I love u
.
Girl- I love u -  mai tmse aakhri br milna chahti thi
.
Or ye kahte hi ldki ldke ke samne jahar kha leti h
ldka use rok ni pata.
.
Boy- ye tmne kya kia
.
Girl- me tmhare bina nhi jee skti isliye.
.
Ldka ldki ko goud m uthakr bhagta h prr bich
sadak pr car se uska accident ho jata h Or dono
whi gir jate h ldka himmat krke ldki ke pas
pahuchta h Or uska hath apne hath m lekar
kehta h


Boy- kash me tumhare pyar ko us tym smjh jata
.
Girl- it's ok....hum sath jee to nhi ske but mar to sth m rhe h. 😧😭😭😭
.
Or dono ek-dusre ko I love u bolkr apna dum tod
dete h... 😢😧😭😭😭😭









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क्या लड़कियां बेवफा बेवफा होती है - एक सच्ची कहानी



क्या लड़कियां बेवफा बेवफा होती है - एक सच्ची कहानी




एक लड़का शराब पीके रास्ते पे बैठा अपनी Girlfriend को कोस रहा था, गलती किसकी थी पता नहीं मगर एक लड़की की वजह से वह सारी लड़कीयो पर इल्जाम लगा रहा था कि लडकीया बेवफा होती है..

लोगों को तो बस तमाशा चाहिए इसलिए बिना काम धंधे वाले लोग वंहा जमा होने लगे

मैं भी बिना काम धंधे का आवारा चला गया भीड़ मे शामिल होने, आखीर मैं भी तो इस देश का एक नागरिक था जो खुद से ज्यादा दूसरों की बातों पर ताक-झांक करता था,

लड़का शराब के नशे मे बहुत कुछ गंदी बातें भी बके जा रहा था की इतने मे एक लड़का भीड़ से निकलकर उस लड़के को हाथ से उठाकर कहता है की.  चल यार तूझे बहुत चढ गयी है और भीड़ को देखकर कहता है की माफ किजीऐगा आज मेरा यार होश मे नहीं है।

वह शराबी लड़का कहता की..तू कौन?
लड़का - अरे यार नशे मे तू मुझे भी नहीं पहचानता? तेरा दोस्त हूँ यार?

फिर वह जबर्दस्ती लड़के को उठाके ले जाने लगता है, मुझे शराबी लोग बहुत अच्छे लगते है खासकर उनके बोलने के तौर तरिके देखकर, मैं कहा पिछे हटने वाला था, चल पड़ा उन दोनों के पिछे,

फिर एक पेड़ के छाँव के निचे उस शराबी लड़के को बिठाकर खुद भी बैठ गया लड़का,

शक्ल सूरत भी अच्छी खासी थी मगर उसको खूबसूरत उसके होठो की मुस्कुराहट बना रही थी,

मैं पेड़ के पिछे छाँव मे मैं भी बैठ गया।

दिखाई भले नहीं दे रहे थे वे मगर आस्ते बोलने से भी मैं उनकी आवाज ठीक से सुन सकता था।
शराबी - सच सच बता यार तू कौन है?
लड़का - अरे छोडो न की मैं कौन हूँ कहा का हूँ बस मैंने तुम्हें उस भीड़ से इसलिए उठा लाया कि तुम खुद को और अपनी मोहब्बत का मजाक न बना सको।

शराबी-hahahaha..मजाक? उसने मेरी जिंदगी की मजाक बनाके रखा दी और तुम कहते हो भीड़ मे मैं मजाक बन जाता?
कभी प्यार किया है तुमने किसी से?

लड़का खामोश...
शराबी- पता है दोस्त, मोहब्बत मे न जो दर्द मिलता है कमबख्त शब्द भी कम पड जाते है दर्द बया करने के लिए। अच्छा किया मोहब्बत नहीं की तुमने किसी से वरना तुम भी मुझे कहते की..खूब गालीया दो लड़कियाँ सच मे बेवफा होती है ।


लड़का तब भी खामोश था,
शराबी - अरे क्या हुआ दोस्त कुछ तो बोलो..मोहब्बत की थी कभी?

लड़का तब अपनी खामोशी तोड़कर कहता है की..पता नहीं वह मोहब्बत थी या मेरी इबादत, मगर खुदा से पहले उसे जरूर याद करता था,


शराबी - करता था? इसके मतलब उसने तुम्हें धोखा दिया?

लड़का- मुझे तो ये भी पता नहीं की धोखा किसे कहते है। बस मोहब्बत करनी थी बेपनाह कर ली, जुदा हुए तब मालूम हुआ कि किस्मत भी बहुत मायने रखती है मोहब्बत में, अब शराबी का नशा शायद कम हो चुका था, अब वह लड़के से उसकी मोहब्बत की दास्तान सुनना चाहता था, इसलिए क्योंकि जुदा होने के बाद भी उस पागल को अपनी मोहब्बत से कोई शिकायत नहीं थी,


शराबी - तुमने मुझे दोस्त बोला, चलो आज हम दोनों अपनी अपनी कहानी शेयर करते है मगर पहले तुम सुनाओ...
लड़का कुछ देर खामोश रहता है फिर लम्बी साँस लेके कहने लगता है आज से 6 साल पहले की बात है हम फेसबुक मे मिले थे,
वह मेसेन्जर पे आई,


लड़की - hi कैसे हो..
लड़का - जिंदा हूँ 😂

लड़की - ठीक से बात नही कर सकते क्या?
लड़का -अरे पागल मरा होता तो क्या मैं जवाब देता?

लड़की - पागल किसको बोला?
लड़का - खुद को बोला, चलो bye

लड़की -इतना अकडने की जरूरत नहीं है, सुनो भाव मत खाओ..
तुम्हारी उम्र कितनी है
लड़का -60

लड़की - तब तो मैं तुम्हें अंकल मामा चाचा नाना कुछ भी बोल सकता हूँ
लड़का -अरे मेरी मां जो भी बोल मगर अभी पिछा छोड़,
लड़की - मगर तुम्हारी प्रोफाईल मे तो तुम्हारी उम्र 25 बता रही है फिर झूठ क्यों बोलते हो हाँ?
लड़का तंग आकर हाँ 25 का हूँ
लड़की - ओह इसका मतलब तुम मेरी माँ से 13 साल छोटे हो और मेरी माँ मुझसे 19 साल बड़ी है😂
लड़का गुस्से मे...अरे पागल...सीधे सीधे बोल न की मैं तुम्हारे सामने बूढ्ढा हूँ 😠

लड़की - हाँ हो तो मगर उतने नहीं 😂


इस तरह रोज नोकझोक होती थी हम में, फिर न जाने कैसे मुझे उससे प्यार हो गया पता नहीं चला उसकी सादगी उसका भोलापन, उसके होठो पे सजी सदाबहार मुस्कुराहट और उसके तिखे उची नाक पे सजी चश्मा। बहुत खूबसूरत और अच्छी लगने लगी मुझे।

सोचा की एक तरफा प्यार है मगर शायद वह भी पसंद करने लगी थी, मेसेन्जर पे एक दिन उसने i love कहा..मैं बेहद खुश हुआ मगर निचे फिर एक लाइन दिखी, लिखा था my mom😂
मैंने भी तुरंत जवाब दिया..I love..
your father😂

वैसे वह होस्टल मे पढती थी उसकी माँ का सपना था कि वह IS अफीसर बने वैसे वह पढ़ने मे तेज थी class V 12th तक वह टपर थी, हो भी क्यों न हो ये चशमीस लडकीया पढ़ाई के वजह से ही चश्मा पहनती है।

उसके कॉलेज लौटने का दिन कल था, और हम रातभर बातें करते रहे, वह बोलने लगी कि शायद मैं इस बार पढ़ने मे कमजोर हो जाउं क्योंकि मुझे तुम बहुत याद आओगे, मैंने कहा की पहले मा के सपनों को पूरा करो हम इंतजार कर लेंगे ।

लड़की - कर सकोगे इंतजार 6 साल तक?
लड़का - सदीयो तक तो नहीं न करवाओगी। कर लेंगे मुस्कुराके।

मैंने नाम पूछा उसका  तो बोली..
पागल चशमीस तो बोलते ही हो और इससे प्यारा नाम क्या होगा मेरे लिए

फिर मैंने अपना सेल न0 दिया और कहा की..ये न0 बस इसलिए दे रहा हूँ कि जब सपने पूरे हो जाये तब याद करना मुझे।
हम फिर वहीं मिलेंगे जंहा से आज बिछड़ रहे हैं ।


बस भरोसा रखो की मैं तुम्हारे सपनों के बिच कभी नहीं आउंगा। अब मैं हर पल परछाई बनके रहूँगा तुम्हारे साथ एक दुआ बनकर। वह पल बड़ा गमगीन था । मैं रो रहा था और उसके शब्द कह रहे थी कि चशमीस भी रो रही थी, इस तरह वह अपनी मां के सपनों को पूरा करने चली गई और मैं इधर दुआ के साथ उसके इंतजार मैं बैठ गया।


शराबी - फिर क्या हुआ?
एक साल पहले की बात है की..
मुझे फेसबुक मे ही एक अच्छा दोस्त मिला, जो IS बनना चाहता था, हमारी दोस्ती बड़ी गहरी हो गई, वह मुझे अपने सपनों के बारे मे बताता था और मैं भी घमंड से कहता था कि मेरी होने वाली पत्नी भी IS की पढ़ाई कर रही है।


मेरा दोस्त बहुत खुश हुआ और कहा की..
दोस्त भी IS और पत्नी भी IS...तू तो किस्मत वाला निकला।
कोई एक महीने पहले की बात है मुझे अपने दोस्त की सगाई का न्योता मिला, मुझे जाने की बिलकुल इच्छा नहीं थी मगर उसके दबाव के आगे मैं झूक गया।

मैं सगाई मे जैसे ही पहुँचा मेरे दोस्त ने जिस लड़की से मिलाया वह और कोई नहीं मेरी चशमीस पागल थी😢 बस फर्क इतना था की इस वक्त उसकी आखो मे चश्मा नहीं था,


दोस्त ने कहा इनसे मिलो नयना शर्मा IS अफीसर मेरे होने वाली धर्मपत्नी। चशमीस मुझे देखते ही झूककर अपने पैरों के अँगूठे से न चाहते हुए भी जमीन खोदने लगी,

तभी मेरे दोस्त ने उसकी मंगेतर से कहा -

ये है मेरा दोस्त। तुमको पता नहीं होगा नैना कि...हमारे दोस्त भी किसी IS अफीसर से शादी करने वाले हैं, 6 साल का लम्बा इंतजार किया है इन्होंने, गजब की मोहब्बत है इन दोनों में, लड़की का नाम तो सुनो जरा, ये महाशय अपनी मोहब्बत को पागल चशमीस कहते है।

अच्छा बताओ दोस्त कब बुला रहे हो हम दोनों को अपनी शादी में?
लड़का - मेरी चशमीस किसी और की हो गई है दोस्त ।
दोस्त - क्या? तुम्हारा तो 6 साल बेकार मे चला गया दोस्त?
लड़का - कहा गयी बेकार, एक एक दिन गीन गीनके हर पल दुआ माँगी है मैंने उसके खुशियों के लिए। आज वह खुश है।


दोस्त - इन 6 सालों मे तुमने कभी फोन नहीं किया ये तुम्हारा कहना था मगर उसने तो किया होगा न?
वह करती भी तो मैं कभी नही उठाता क्योंकि मै कभी नही चाहता था कि उसके सपनों कै आगे मेरी मोहब्बत रूकावट बने…

दोस्त - तुम जब उससे मिले तो क्या वह तुम्हें पहचान पाई?
लड़का - शायद उसने मुझे पहचाना हो या नहीं मुझे पता नहीं मगर मै उसे पहचाना नहीं ।
दोस्त - अरे*? 6 साल तक जिसका इंतजार बड़ी शिद्दत किया उसे ही पहचान न पाये? ये क्या बात हुई?
लड़का - मैंने 6 साल तक सिर्फ एक पागल चशमीस का इंतजार किया है। आज वह समझदार IS अफीसर है और वह आजकल चश्मा नहीं पहनती..और बिना चश्मे के वह मेरी चशमीस कहा?😢
दोस्त - IS अफीसर मतलब बहुत बड़ा इंसान होता है और बड़ा हो जाने पर लोग अक्सर बदल जाते है।
लड़का - IS अफसर तो बनी थी खुदा तो नही न,
मैंने तो उसे खुदा तक माना था। होगी कोई मजबूरी जो शब्दों मे बयान शायद वह भी न कर सके..



लड़का इतना कहके निकल जाता है..उधर लड़की जल्दी से वाशरूम जाके फूटफूटकर रोने लगती है...पागल मैं सोची तू बेवफा निकला, मगर तूने तो वफा का पूरा समुन्द्र ही पी रखा था, मेरे इतने फोन करने पर भी तुम्हारा न उठाना मेरे सपनों को पूरी होते देखना था और मैं पागल तुम्हारी चशमीस, तुम्हें ही बेवफा समझ बैठी😢 मेरे चश्मे न पहनने की वजह भी तुम ही हो पागल तुम ही हो, मैं नहीं चाहती थी कि तुम्हारे आलावा और कोई मुझे चशमीस कहे😢😢😢 फूटफूटकर रोने लगती है चशमीस की तभी मां आके गले लगाके कहती है।

कुछ इंसान है इस जहाँ मे फरिशते जैसे, वह तेरा पागल वही था, मां बेटी की आखो मे आशू थे मगर समझ नहीं पा रहे थे की..IS बनने की खुशी मे की एक फरिशते को खोने के गम में ।


उधर शराबी- अरे उसके सपनों की ऐसी की तैसी..तुमसे मोहब्बत करके भी तो सपने पूरे कर सकती थी और तुम बेवकूफ, फोन तो उठाते। तुम लाकर भी तो सपने पूरे कर सकते थे।

लड़का - उसके सारे सपने मैं जरूर पूरा करता मगर वह सपने उसके नही उसकी माँ के थे। और मैं एक मां के आगे अपनी मोहब्बत को परेशान न कर सका क्योंकि ये जो माँ शब्द होती है न मोहब्बत की भी माँ होती है।


मुझे वह नहीं चाहिए था मुझे बस उसकी और उसके मा की खुशी चाहिए थी,  6 साल तक बेपनाह मुकम्मल मोहब्बत का नतीजा था की मेरी चशमीस भी खुश है और माँ के सपने भी पूरे हो गये।


अब तुम सुनाओ दोस्त अपनी कहानी…


शराबी - मोहब्बत का सारा पैमाना तो तेरी मोहब्बत मे देखी मैंने। मेरी सुनाउंगा तो चुटकुला लगेगा। शायद उसकी भी कोई मजबूरी होगी...आखीर वह भी तो एक मां की अच्छी बेटी ही थी😢
लड़का - एक लड़की वफा करे भी तो किस किस से..उस मां से जिसने 9 महीने अपने गर्भ रखके बिना देखे प्यार किया या उस शख्स से जो उसे कुछ दिनों से जानती है...😢😢
इतना कहके लड़का चला जाता है की तभी शराबी कहता है..ए पागल...?

लड़का थोड़ी देर बिना मुडे कुछ देर खामोश रहता है और जब मुडता है तो उसके दोनों पलकों मे आशुओ का समन्दर होता है।

शराबी - सोरी यार तूझे पागल कहकर रूला दिया मैंने..
लड़का भीगी पलकों मे भी मुस्कुराके कहता है...
वह भी मुझे पा....ग.....ल....ही कहती थी..मेरी पागल चशमीस आपका 🌷अजनबी 🌷हमसफ़र  अगर आप को मेरी पोस्ट अच्छी लगी तो प्लीज़ कमेंट कर के बताओ......!😢😢😢😢😢 🙏 🙏




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