उपसर्ग , प्रत्यय
upsarg , pratye
उपसर्ग
वे शब्दांश जो किसी शब्द के आरंभ में लगकर
उसके अर्थ को बदल देते हैं
जैसे :
परा - पराक्रम , पराजय , पराभव , पराधीन
पराभूत
इसमें परीक्षा में निम्न प्रकार से प्रश्न पूछे जाते हैं
■ अत्युक्ति में उपसर्ग है
- अधि (b) दूर
(c) अति (d) ऊन
सही : (c) अति
■ निम्नलिखित शब्दों में उपसर्ग पहचानिए अभ्यास
अभिमुख अभियान
- अप (b) अध
(c) अन (d) अभि
सही : (d) अभि
■ निम्नलिखित में से कौन सा शब्द हिंदी उपसर्ग
युक्त है
- कपूत (b) सुशासन
(c) संगम (d) आमरण
सही : (d) आमरण
1.संस्कृत के उपसर्ग
■ संस्कृत में बाइस (22) उपसर्ग हैं।
■ संस्कृत में बाइस (22) उपसर्ग हैं।
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
अति
|
(आधिक्य)
अधिक
|
अतिशय,
अतिरेक
अत्यधिक, अत्यंत, अतिरिक्त, अतिशय
|
अधि
|
(मुख्य) ऊपर
, श्रेष्ठ
__________
(वर)
|
अधिकार, अधिपति, अधिनायक , अध्यक्ष
_____________
अध्ययन,
अध्यापन
|
अनु
|
पीछे, समान
(मागुन)
__________
(प्रमाणें)
|
अनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन
अनुक्रम, अनुताप, अनुज
__________
अनुकरण,
अनुमोदन
|
अप
|
बुरा, हीन
|
अपयश, अपमान, अपकार , अपजय
अपकर्ष
|
अभि
|
सामने, चारों ओर, पास
|
अभियान, अभिषेक, अभिनय, अभिमुख
अभिनंदन , अभिलाप
|
अव
|
हीन, नीच
(अभाव,
विरूद्धता)
_________
खालीं
|
अवगुण, अवनति, अवतार, अवनति
अवकृपा
_____________
अवगणना,
अवतरण
|
आ
|
तक, समेत
(उलट)
_________
किंचीत
_________
पलीकडे
|
आजीवन, आगमन
आकंठ, आजन्म
____________
आरक्त
____________
आक्रमण,
आकलन
|
उत्
|
ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर
(वर)
|
उद्गम, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति
, उत्तीर्ण, उद्भिज्ज
|
उप
|
निकट, सदृश, (गौण)
|
उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार
उपनेत्र
|
दुर्
|
बुरा, कठिन
|
दुर्जन, दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार
|
दुस्
|
बुरा, कठिन
|
दुश्चरित्र, दुस्साहस, दुष्कर , दुराशा, दुरुक्ति, दुश्चिन्ह, दुष्कृत्य
|
निर्
|
बिना, बाहर, निषेध
(अभाव)
|
निरपराध, निर्जन, निराकार, निर्गुण
निरंजन, निराषा
|
निस्
|
रहित, पूरा, विपरित
(अभाव)
|
निस्सार, निस्तार, निश्चल, निश्चित
निष्फळ, निश्चल, नि:शेष.
|
नि
|
निषेध, अधिकता, नीचे
( नकार )
|
निवारण, निपात, नियोग, निषेध
|
परा
|
उल्टा, पीछे
(उलट)
|
पराजय, पराभव, परामर्श, पराक्रम,
पराजय, पराभव
|
परि
|
आसपास, चारों तरफ
(पूर्ण)
|
परिजन, परिक्रम, परिपूर्ण, परिणाम,
परिपाक, परिपूर्ण (व्याप्त), परिमित, परिश्रम, परिवार
|
प्र
|
अधिक, आगे
(आधिक्य )
|
प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति , प्रकोप, प्रसारित, प्रबल
|
प्रति
|
उलटा, सामने,
(उलट)
_________
हर एक
(एकेक)
|
प्रतिकूल, प्रत्यक्ष, प्रतिक्षण,
_____________
प्रतिदिन, प्रतिवर्ष, प्रत्येक
|
वि
|
भिन्न,( विशेष)
_________
(अभाव)
|
विदेश, विलाप, वियोग, विपक्ष , विख्यात, विनंती, विवाद
____________
विफल, विधवा, विसंगति
|
सम्
|
उत्तम, साथ, पूर्ण
( चांगले )
________
(बरोबर)
|
संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव , संस्कृत, संगीत
____________
संयम, संयोग, संकीर्ण.
|
सु
|
अच्छा,
________
अधिक
|
सुजन, सुगम, सुशिक्षित, सुपात्र
____________
सुबोधित, सुशिक्षित
|
उदाहरण
प्रति + अप + वाद = प्रत्यपवाद
सम् + आ + लोचन = समालोचन
वि + आ + करण = व्याकरण
2. हिन्दी के उपसर्ग
( संख्या १२ / १३ )
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
अ
|
अभाव, निषेध
|
अछूता, अथाह, अटल
|
अन
|
अभाव, निषेध
|
अनमोल, अनबन, अनपढ़क
|
कु
|
बुरा
|
कुचाल, कुचैला, कुचक्र
|
दु
|
कम, बुरा
|
दुबला, दुलारा, दुधारू
|
नि
|
कमी
|
निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा
|
औ
|
हीन, निषेध
|
औगुन, औघर, औसर, औसान
|
भर
|
पूरा
|
भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार
|
सु
|
अच्छा
|
सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल
|
अध
|
आधा
|
अधपका, अधकच्चा, अधमरा, अधकचरा
|
उन
|
एक कम
|
उनतीस, उनसठ, उनहत्तर, उंतालीस
|
पर
|
दूसरा, बाद का
|
परलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित
|
बिन
|
बिना, निषेध
|
बिनब्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने
|
3. अरबी-फ़ारसी के उपसर्ग
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
कम
|
थोड़ा, हीन
|
कमज़ोर,कमबख़्त,
कमसिन, कमअक्ल, कमज़ोर
|
खुश
|
अच्छा
|
खुशनसीब, खुशखबरी, खुशहाल, खुशबू
खुशकिस्मत, खुशदिल, खुशमिजाज
|
गैर
|
निषेध
|
गैरहाज़िर, गैरक़ानूनी, गैरमुल्क, गैर-ज़िम्मेदार
ग़ैरवाजिब ग़ैरमुमकिन ग़ैरसरकारी ग़ैरमुनासिब
|
ना
|
अभाव
|
नापसंद, नासमझ, नाराज़, नालायक
नामुमकिन ,नामुराद नाकामयाब नापसन्द नासमझ , नाचीज़ नापाक , नाकाम
|
ब
|
से, के, में
और, अनुसार
|
बनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर
बमुश्किल ,बतकल्लुफ़
|
बा
|
सहित
|
बाकायदा, बाइज्ज़त, बाअदब, बामौका
बाकायदा बाकलम बाइज्जत बाइन्साफ बामुलाहिज़ा
|
बद
|
बुरा
|
बदमाश, बदनाम, बदक़िस्मत,बदबू
बदहज़मी, बददिमाग बदमज़ा ,बदहवास बददुआ बदनीयत बदकार
|
बे
|
बिना
|
बेईमान, बेइज्ज़त, बेचारा, बेवकूफ़
|
ला
|
रहित
|
लापरवाह, लाचार, लावारिस, लाजवाब
लापता लाजबाब
लाइलाज लामानी लाइल्म लाज़वाल
|
सर
|
मुख्य
|
सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार
सरहद
सरताज
सरगना
|
हम
|
समान, साथवाला
|
हमदर्दी, हमराह, हमउम्र, हमदम
|
बर
|
पर, ऊपर, बाहर
|
बरकरार , बरवक्त बरअक्स , बरजमां कंठस्थ
|
बिला
|
बिना
|
बिलावज़ह , बिलालिहाज़, बिलाशक बिलानागा
|
4. अंग्रेज़ी के उपसर्ग
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
सब
|
अधीन, नीचे
|
सब-जज सब-कमेटी,
सब-इंस्पेक्टर
|
डिप्टी
|
सहायक
|
डिप्टी-कलेक्टर, डिप्टी-रजिस्ट्रार,
डिप्टी-मिनिस्टर
|
वाइस
|
सहायक
|
वाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसीडेंट
|
जनरल
|
प्रधान
|
जनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी
|
चीफ़
|
प्रमुख
|
चीफ़-मिनिस्टर, चीफ़-इंजीनियर, चीफ़-सेक्रेटरी
|
हेड
|
मुख्य
|
हेडमास्टर, हेड क्लर्क
|
5. उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने
वाले संस्कृत के अव्यय
उपसर्ग
|
अर्थ
|
शब्द
|
अधः
|
नीचे
|
अधःपतन, अधोगति, अधोमुखी, अधोलिखित
|
अंतः
|
भीतरी
|
अंतःकरण, अंतःपुर, अंतर्मन, अंतर्देशीय
|
अ
|
अभाव
|
अशोक ,अकाल, अनीति
|
चिर
|
बहुत देर
|
चिरंजीवी, चिरकुमार, चिरकाल, चिरायु
|
पुनर्
|
फिर
|
पुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्जीवन
|
बहिर्
|
बाहर
|
बहिर्गमन, बहिष्कार
|
सत्
|
सच्चा
|
सज्जन, सत्कर्म, सदाचार, सत्कार्य
|
पुरा
|
पुरातन
|
पुरातत्त्व, पुरावृत्त
|
सम
|
समान
|
समकालीन, समदर्शी, समकोण, समकालिक
|
सह
|
साथ
|
सहकार, सहपाठी, सहयोगी, सहचर
|
प्रत्यय
प्रत्यय वे शब्द हैं जो दूसरे शब्दों के अन्त में जुड़कर,
अपनी प्रकृति के अनुसार, शब्द के अर्थ में
परिवर्तन कर देते हैं।
■ सब्जी + वाला = सब्जीवाला
|
( प्रत्यय )
( प्रत्यय )
|
■ सफल + ता = सफलता
Note : प्रत्यय का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और ना ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप में होता है
कुछ उदाहरण
वान यह किसी व्यक्ति की विशेषता दर्शाते समय उपयोग होता है। जैसे यह पहलवान बहुत बलवान है। ● धन + वान = धनवान ● विद्या + वान = विद्वान ● बल + वान = बलवान ता ● उदार + ता = उदारता ● सफल + ता = सफलता ई पण्डित + ई = पण्डिताई चालाक + ई = चालाकी ज्ञान + ई - ज्ञानी ओं इसका उपयोग एक वचन शब्दों को बहुवचन शब्द बनाने के लिए किया जाता है। भाषा + ओं = भाषाओं शब्द + ओं = शब्दों वाक्य + ओं = वाक्यों कार्य + ओं = कार्यों याँ नदी + याँ = नदियाँ प्रति + याँ = प्रतियाँ |
इसमें परीक्षा में निम्न प्रकार से प्रश्न पूछे जाते हैं
■ चर्मकार , प्रभाकर में कौन सा प्रत्यय निहित है
(a)कार , कर (b) इया , ईय
(c)वान , आडी (d) त्व , तर
सही : (a) कार , कर
■ खिलाड़ी , गमनीय में कौन सा प्रत्यय निहित है
(a)आडी , ईय (b) ता , तर
(c)वत , हर (d) ईला , नी
सही : (a)आडी , ईय
■ जो प्रत्यय धातुओं के अंत में लगते हैं वह प्रत्यय हैं
(a)कृत प्रत्यय (b) संबंध वाचक तद्धित
(c)गणनावाचक (d) सादृश्यवाचक तद्धित
सही : (a)कृत प्रत्यय
■ पांडव शब्द में कैसा प्रत्यय है
(a)कृदंत (b) तद्धित
(c)स्त्री (d) प्रत्यय नहीं है
सही : (a) तद्धित
प्रत्यय के दो रूप है
|
_________|__________
_________|__________
| |
कृत् प्रत्यय तद्धित प्रत्यय
कृत् प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु में जोड़े जाते हैं, कृत प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय
|
मूल शब्द\धातु
|
उदाहरण
|
अक
|
लेख्, पाठ्, कृ, गै
|
लेखक, पाठक, कारक, गायक
|
अन
|
पाल्, सह्, ने, चर्
|
पालन, सहन, नयन,
चरण
|
अना
|
घट्, तुल्, वंद्, विद्
|
टना, तुलना, वन्दना,
वेदना
|
अनीय
|
मान्, रम्, दृश्, पूज्, श्रु
|
माननीय, रमणीय, दर्शनीय, पूजनीय, श्रवणीय
|
आ
|
सूख, भूल, जाग, पूज, इष्, भिक्ष्
|
सूखा, भूला, जागा, पूजा, इच्छा, भिक्षा
|
आई
|
लड़, सिल, पढ़, चढ़
|
लड़ाई, सिलाई, पढ़ाई, चढ़ाई
|
आन
|
उड़, मिल, दौड़
|
उड़ान, मिलान, दौड़ान
|
इ
|
हर, गिर, दशरथ, माला
|
हरि, गिरि, दाशरथि, माली
|
इया
|
छल, जड़, बढ़, घट
|
छलिया, जड़िया, बढ़िया, घटिया
|
इत
|
पठ, व्यथा, फल, पुष्प
|
पठित, व्यथित, फलित, पुष्पित
|
इत्र
|
चर्, पो, खन्
|
चरित्र, पवित्र, खनित्र
|
इयल
|
अड़, मर, सड़
|
अड़ियल, मरियल, सड़ियल
|
ई
|
हँस, बोल, त्यज्, रेत
|
हँसी, बोली, त्यागी, रेती
|
उक
|
इच्छ्, भिक्ष्
|
इच्छुक, भिक्षुक
|
तव्य
|
कृ, वच्
|
कर्तव्य, वक्तव्य
|
ता
|
आ, जा, बह, मर, गा
|
आता, जाता, बहता, मरता, गाता
|
ति
|
अ, प्री, शक्, भज
|
अति, प्रीति, शक्ति, भक्ति
|
ते
|
जा, खा
|
जाते, खाते
|
त्र
|
अन्य, सर्व, अस्
|
अन्यत्र, सर्वत्र, अस्त्र
|
न
|
क्रंद, वंद, मंद, खिद्, बेल, ले
|
क्रंदन, वंदन, मंदन, खिन्न, बेलन, लेन
|
ना
|
पढ़, लिख, बेल,गा
|
पढ़ना, लिखना, बेलना, गाना
|
म
|
दा, धा
|
दाम, धाम
|
य
|
गद्, पद्, कृ, पंडित, पश्चात्, दंत्, ओष्ठ्
|
गद्य, पद्य, कृत्य, पाण्डित्य, पाश्चात्य, दंत्य, ओष्ठ्य
|
या
|
मृग, विद्
|
मृगया, विद्या
|
रू
|
गे
|
गेरू
|
वाला
|
देना, आना, पढ़ना
|
देनेवाला,आनेवाला,पढ़नेवाला
|
ऐया/
वैया
|
रख, बच, डाँट\गा, खा
|
रखैया, बचैया, डटैया, गवैया, खवैया
|
हार
|
होना,रखना,खेवना
|
होनहार, रखनहार, खेवनहार
|
तद्धित प्रत्यय
वे प्रत्यय जो धातु को छोड़कर अन्य शब्दों- संज्ञा, सर्वनाम
व विशेषण में जुड़ते हैं, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।
प्रत्यय
|
मूल शब्द\धातु
|
उदाहरण
|
आइ
|
पछताना, जगना
|
पछताइ, जगाइ
|
आइन
|
पण्डित, ठाकुर
|
पण्डिताइन, ठकुराइन
|
आई
|
पण्डित, ठाकुर, लड़, चतुर, चौड़ा
|
पण्डिताई, ठकुराई, लड़ाई, चतुराई, चौड़ाई
|
आनी
|
सेठ, नौकर, मथ
|
सेठानी, नौकरानी, मथानी
|
आयत
|
बहुत, पंच, अपना
|
बहुतायत, पंचायत, अपनायत
|
आर/आरा
|
लोहा, सोना, दूध, गाँव
|
लोहार, सुनार, दूधार, गँवार
|
आहट
|
चिकना, घबरा, चिल्ल, कड़वा
|
चिकनाहट, घबराहट, चिल्लाहट, कड़वाहट
|
इल
|
फेन, कूट, तन्द्र, जटा, पंक, स्वप्न, धूम
|
फेनिल, कुटिल, तन्द्रिल, जटिल, पंकिल, स्वप्निल, धूमिल
|
इष्ठ
|
कन्, वर्, गुरु, बल
|
कनिष्ठ, वरिष्ठ, गरिष्ठ, बलिष्ठ
|
ई
|
सुन्दर, बोल, पक्ष, खेत, ढोलक, तेल, देहात
|
सुन्दरी, बोली, पक्षी, खेती, ढोलकी, तेली, देहाती
|
ईन
|
ग्राम, कुल
|
ग्रामीण, कुलीन
|
ईय
|
भवत्, भारत, पाणिनी, राष्ट्र
|
भवदीय, भारतीय, पाणिनीय, राष्ट्रीय
|
ए
|
बच्चा,लेखा,लड़का
|
बच्चे, लेखे, लड़के
|
एय
|
अतिथि, अत्रि, कुंती, पुरुष, राधा
|
आतिथेय, आत्रेय, कौंतेय, पौरुषेय, राधेय
|
एल
|
फुल, नाक
|
फुलेल, नकेल
|
ऐत
|
डाका, लाठी
|
डकैत, लठैत
|
एरा/
ऐरा
|
अंध, साँप, बहुत, मामा, काँसा, लुट
|
अँधेरा, सँपेरा, बहुतेरा, ममेरा, कसेरा, लुटेरा
|
ओला
|
खाट, पाट, साँप
|
खटोला, पटोला, सँपोला
|
औती
|
बाप, ठाकुर, मान
|
बपौती, ठकरौती, मनौती
|
औटा
|
बिल्ला, काजर
|
बिलौटा, कजरौटा
|
क
|
धम, चम, बैठ, बाल, दर्श, ढोल
|
धमक, चमक, बैठक, बालक, दर्शक, ढोलक
|
कर
|
विशेष, ख़ास
|
विशेषकर, ख़ासकर
|
का
|
खट, झट
|
खटका, झटका
|
जा
|
भ्राता, दो
|
भतीजा, दूजा
|
ड़ा, ड़ी
|
चाम, बाछा, पंख, टाँग
|
चमड़ा, बछड़ा, पंखड़ी, टँगड़ी
|
त
|
रंग, संग, खप
|
रंगत, संगत, खपत
|
तन
|
अद्य
|
अद्यतन
|
तर
|
गुरु, श्रेष्ठ
|
गुरुतर, श्रेष्ठतर
|
तः
|
अंश, स्व
|
अंशतः, स्वतः
|
ती
|
कम, बढ़, चढ़
|
कमती, बढ़ती, चढ़ती
|