Islamic History Video
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इस्लाम के फाउंडर पैगंबर मोहम्मद की मृत्यु 632 के बाद - जो इस्लाम को
नेक्स्ट कंट्रोल करता हैं उसे खलीफा कहते हैं
और शुरू के 3 खलीफा , हमेशा सुन्नी इस्लाम के थे - क्योंकि इससे पहले सिया
नहीं होते थे
सबसे पहले खलीफा थे अबू बकर इनकी ही बेटी आइशा जोकिं 6 saal की
थी उसकी शादी मोहम्मद से हुई थी और मोहम्मद की उम्र उस समय 49 से
और 50 के बीच थी |
अबू बकर ने इस्लाम को पूरे अरेबिया मैं फैलाया और इनका राज करीब 2 saal
632 से 634 तक चला |
अरेबिया में राज करने के बाद अबू बकर ना छोटी-छोटी सेना की टुकड़ी बनाकर
Palestine और Iraq में भेजना शुरू कर दिया ताकि वह छोटे-छोटे गांव को अपने
कब्जे में ले ले |
अबू बकर बीमार होने के कारण मृत्यु हो गई |
अबू बकर ने मरने से पहले Omar / Umar को अगला खलीफा नियुक्त किया
Roman–Persian Wars करीबन सदियों से चलता
आ रहा था यानी. 54 वी सदी से
जब Roman एंपायर Byzantine बन गया तथा
Persian empire , Sasanian empires. बन गया तब भी युद्ध इनमें होते रहे |
Omar ने दोनों को ही financially मदद की , और जब दोनों empire बहुत कमजोर
हो गए , अबू बकर के काम को बढ़ा आगे बढ़ाते हुए , Omar ने छोटी-छोटी सेना की
टुकड़ी और भी ज्यादा बनाकर रिहाईसी इलाकों में भेजना शुरू कर दिया कब्जा करने के लिए ,
Omar को एहसास था कि दोनों ही Empire बहुत कमजोर हो गए , यह लंबे समय तक
युद्ध नहीं लड़ पाएंगे |
जिससे मात्र 2 साल में ( Sasanian empires ) पर पूरी तरह से Arab का कब्जा हो गया ,
वही Byzantine पर दो तिहाई हिस्सा उन्होंने अपने कब्जे में ले लिया
इसे अरब empire बहुत ही कम समय में बहुत बड़ा बन गया
Omar के राज्य में Iraq, Iran, Azerbaijan, Armenia, Georgia, Syria, Jordan,
Palestine, Lebanon, Egypt, and part of Afghanistan, Turkmenistan and
south western Pakistan आते थे |
Omar / Umar का राज करीब 10 saal 634 से 644 तक चला |
फिर पारसियों ने , ईरान में कब्जा करने के कारण तथा बड़े पैमाने में उन्हें इस्लाम में कन्वर्ट
करने के कारण उसे मार दिया
फिर इसके बाद खलीफा बने uthman , तुर्की और पारसी मैं इन्हें Osman भी कहते हैं ,
तब इनकी उम्र 64 साल की थी , और यह प्रोफेट मुहम्मद के दामाद
यानी. son -in-law थे |
जो राज्य जैसे ईरान , पाकिस्तान का मकरान , अजरबैजान आदि सभी जगह पर विद्रोह
शुरू हो गया था और वह Umar के हाथ से निकलता जा रहा था |
Uthman ने सभी विद्रोह को दबाया और जो क्षेत्रों
उनसे निकल रहे थे , उनको दोबारा अपने नियंत्रण में कर लिया , इसमें भारी Conversion
तथा लूट आदि शामिल थे |
फिर Uthman ने अफ्रीका में रेड करवाई और वहां से सोना चांदी आदि की लूटमार की
फिर अफ्रीका की tribes में उनसे शांति संधि की और उन्हें हर साल टैक्स देने का निर्णय
किया ताकि उनके इलाकों में शांति बनी रहे |
फिर Uthman के अंपायर ने Sudan पर अपना कब्जा कर लिया फिर उसके बाद Uzbekistan
पर भी नियंत्रण कर लिया |
Uthman का शासन करीब 12. saal 644 से 656 तक चला |
Uthman ने ही कुरान को लिखित में करवाया
इसके बाद खलीफा बने अली
अली की शादी फातिमा से हुई थी जोकि प्रॉफिट मोहम्मद की ही daughter थी |
और अली के फादर , मोहम्मद के अंकल थे
अली के खलीफा बनने का Muawiyah ने विरोध किया |
Muawiyah मक्का में रहने वाले कुरेशी समाज से थे जो कि उस समय सबसे अधिक थे
इस्लाम शुरू होने से पहले umayad जोकि कुरेशी समुदाय के लीडर से थे और वह मक्का
की देखभाल करते थे वह मोहम्मद का विरोध करते थे
जिसके कारण मोहम्मद और इनके बीच बैटल आफ बद्र , 13 march 624 मैं हुई थी जिसमें
मोहम्मद की जीत हो गई थी |
और उसके बाद इसी - कुरेशी umayad के मुख्य चीफ अबू सुफियान ने मोहम्मद से समझौता
कर लिया और बाद में वह मोहम्मद के लिए युद्ध करने लगे
अबू बकर calipha (जो खुद कुरेशी थे , पर बाद में उसने इस्लाम कबूल कर लिया था ),
वह (qureshi umayad ) की तरफ काफी सहानुभूति रखते थे और उन्हें अहम पदों पर
बैठा दिया था जब वह खलीफा थे
सबसे पहले अबू बकर calipha ने सीरिया के जनरल के तौर पर
qureshi umayad के खालिद इब्न सैयद ( Khalid ibn Sa'id )
को पद पर बैठाया
फिर उसकी जगह अबू सुफियान के बेटे yazid को syria का जनरल बनाया
अबू बकर की मृत्यु के बाद जब अगले खलीफा उमर बने तो वह भी कुरेशी ही थे पहले
और वह भी कुरैशी को favour करते थे
जब यजीद की मृत्यु हो गई तो उनके भाई Muwaiyah
को वहां का जनरल बनाया , Muwaiyah ने बहुत स्ट्रांग पकड़ अपनी सीरिया और palestine
में बना ली थी
जब अली खलीफा बने तो
तो सबसे पहले इसका विरोध Talhah और Zubayr ने किया
साथ ही इनको ayesha क भी सपोर्ट था जो कि मोहम्मद की तीसरी पत्नी थी
यह वही ayesha है जो 6 साल की थी जब इसका विवाह मोहम्मद से हुआ था |
Talhah भी कुरेशी था और वह उन शुरू के 8 लोगों में से था जो इस्लाम मैं कन्वर्ट हुए थे
और वह मोहम्मद के बहुत करीब थे
जुबेर भी कुरेशी था और वह मोहम्मद की पहली पत्नी खदीजा का भतीजा था और उसने
भी शुरू में है इस्लाम कबूल कर लिया था और मोहम्मद के करीब भी था |
जब इन दोनों ने अली का विरोध किया तो इनमें और अली के बीच में एक युद्ध हुआ इसे
battle.of camel कहते हैं या फिर battle.of basra और यह पहला civil war था |
हालांकि इसमें अली की जीत हुई और Talhah और Zubayr दोनों मारे गए
और Ayesha को पराजय का मुंह देखना पड़ा
इस युद्ध के बाद मुस्लिम दो गुटों में बट गया एक वह जो अली का समर्थक था Shia
और दूसरा वह जो आयशा का समर्थक था Sunni
इसके बारे में सुनकर Muwaiyah ने भी अली के विरुद्ध अपना रुख अपना लिया
Muwaiyah ने उसका विरोध किया - इससे दोनों के बीच इस्लामिक वर्ल्ड बट गया था
और फिर एक युद्ध हुआ
जिसे battle of siffin कहा जाता है |
इसमें 661 AD , kufa मैं , अली को मार दिया गया और उसके बेटे हसन को कैद कर लिया ,
Hassan को इस शर्त पर छोड़ा गया कि वह Muwaiyah को खलीफा accept कर ले
आखिर में हसन और Muwaiyah के बीच treaty sign हुई जिसे. Hasan–Muawiya treaty
के नाम से जाने जाते हैं
इसके तहत Muwaiyah खलीफा तो बनेंगे पर वह अपने बाद नेक्स्ट खलीफा चुनने का कोई
अधिकार नहीं होगा |
next खलीफा इस्लामिक वर्ल्ड चुनेगा
यहां से Muwaiyah खलीफा बन जाते हैं और ummayad caliphate की शुरुआत होती है
हसन और हुसैन दोनों भाई थे जिसमें हसन बड़ा भाई था
यह दोनों अली और फातिमा ( मोहम्मद की बेटी ) के पुत्र थे |
हसन रिहा होने के बाद पूरी जिंदगी मदीना रहे और 45 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो जाती है |
कहां जाता है कि उनको जहर उन्हीं की पत्नी ने दिया था |
Muawiya ने अपने शासन में - Byzantine empire मैं लगातार हमला करके , Armenia को
पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया
तथा Byzantine मैं आने वाले Africa के क्षेत्र , Libya , Tunisia , और Algeria के कुछ क्षेत्र को
भी अपने नियंत्रण में ले लिया
जिससे Umayyad dynasty , egypt से आगे बढ़कर. अफ्रीका के Tunisia तक
और turkey से आगे बढ़कर armenia तक हो गया
Muawiya की मृत्यु 680 मैं हुई , लेकिन अपनी मृत्यु से पहले - उसने अपने बेटे Yazid को
उत्तराधिकारी बना दिया था जोकि Hasan–Muawiya treaty के विरुद्ध था |
Yazid ने प्रस्ताव रखा की. हुसैन उसको खलीफा की मान्यता दे दे
पर हुसैन ने इसे मान्यता देने से मना कर दिया और खुद मदीना छोड़कर मक्का चला गया
और कहां कि Yazid को मान्यता देने से - मैं मर जाना पसंद करूंगा
बाद में kufa से कुछ लोगों ने पत्र लिखकर उनसे मदद मांगी और उनका साथ देने को कहा.
इसलिए वह अपनी टुकड़ी के साथ kufa की तरफ चल दिए
फिर 10 October 680 कर्बला के पास Yazid की आर्मी ने उसे घेर लिया और सिर , धड़ से
अलग कर दिया - इसी दिन के लिए मोहर्रम बनाया जाता है शिया मुसलमानों के द्वारा
इसमें उनके बच्चे परिवार के लोगों को बंदी बना लिया गया तथा हुसैन के 6 महीने के बेटे,
Ali al-Asghar और उनके परिवार से बहुत से लोगों को भी मार दिया गया था
और पूरा मुस्लिम वर्ल्ड सिया और सुन्नी में बट गया सिया वह थे जो हुसैन के समर्थक थे और
सुन्नी वो थे जो Umayyad के समर्थक थे |
Umayyad dynasty ( 661–750 CE ) 750 तक चली और उनके आने वाले खलीफाओ
ने Umayyad dynasty को स्पेन , जिसे उस समय Iberian peninsula कहते थे वहां
तक फैला दिया
हुसैन की मृत्यु के बाद से ही shia की तरफ से काफी आक्रोश Umayyad caliphate's के खिलाफ
होने लगा था
इराक और ईरान इसमें मुख्य था
वहीं दूसरी तरफ Abbasid जोकि कुरेशी ही थे और
Banu Hashim कबीले से ही थे
यह वही कबीला है जिससे मोहम्मद भी थे इस्लाम शुरू होने से पहले
Abbas Ibn मोहम्मद के अंकल थे और battle of badr में इन्होंने मोहम्मद के खिलाफ युद्ध
लड़ा था लेकिन इनको बंदी बना लिया गया था
और इस्लाम कबूल करने की शर्त पर इन्हें छोड़ा गया था लेकिन बाद में उन्होंने मोहम्मद के
साथ दिया और मक्का में अधिपत्य जमाने के लिए मोहम्मद के साथ मिलकर लड़े
Abbasid के ही वंशज ummayad caliphate के खिलाफ लड़े और खलीफा बने जिसके
कारण इसे Abbasid Revolution. के नाम से जाना जाता है |
Abbasid ने मुस्लिमों को ummayad caliphate के खिलाफ यह बोलकर भड़काना शुरू
कर दिया की उन्होंने अली की हत्या की , और फिर उन्हें अपने साथ मिलाने लगे
फिर Abbasid ने non-arab मुस्लिम , या black muslim जिन्हे Umayyad , second
class मुस्लिम मानते थे उन्हें भी अपने साथ मिला लिया
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और Umayyad caliphate's के खिलाफ 711 से ही इनके अभियान शुरू हो गए थे
और 750 में इन्होंने Umayyad के आखरी खलीफा Marwan II.
को 750 मैं बगदाद के पास , मार कर Abbasid Empire को स्थापित किया
इसमें Abbasid का साथ husayn के ग्रैंडसन Zayd ibn Ali ने भी दिया था |
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Abul ‘Abbas , Abbasid डायनेस्टी के पहले खलीफा बने
और Abul ‘Abbas. को शक था कि फिर से ummayad कभी power में आ जाएंगे
इसलिए उन्हें खत्म करना जरूरी है
तो उसने Umayyad के परिवार को , lunch पर बुलाया और, Abd al-Rahman ibn Mu'awiya,
को छोड़कर सभी मार दिए गए
Abd al-Rahman ibn Mu'awiya, भागकर spain चले गए
Shiya मुस्लिम्स को लगा था कि उनके Imam अगले खलीफा बनेंगे लेकिन Abbasid
ने उन्हें धोखा दिया इसलिए वह Abbasid से अलग होने लगे थे |
Abbasid ने कई राजधानियां बनाई प्रमुख थी बगदाद
इनका शासन Syria 750 - 1258 तक रहा
वही इनका शासन - नॉर्थ अफ्रीका अरेबिया सीरिया , egypt , मेसोपोटामिया , पलेस्टाइन
और जॉर्डन , एलोपे आदि तक मैं 1261 रहा
उसके बाद Mongol इनके सभी खलीफा को मार दिया
याद रहे मंगोल मुस्लिम्स नहीं थे हालांकि खान लगा देते क्योंकि खान कर अर्थ
होता था राजाओं के राजा
मंगोल अंपायर के मुख्य संस्थापक चंगेज खान क religion - Tengrism था
Tengrism का अर्थ होता है पर्वतों के देवता यानी Mountain God , कई जगह
से भगवान शिव से भी जोड़ते हैं
पहले चंगेज खान फिर उनके बेटे Mongke खान
मंगोल फिर चाइना से निकलकर बगदाद , samaria , gaza , egypt पर अपना कब्जा
कर लिया तथा वहां के सभी खलीफा को वह मारते गए |
चंगेज खान ने सबसे पहले मंगोल से निकलकर जिन डायनेस्टी जिसे आज बीजिंग
कहते हैं उसको अपने अधीन किया ,
हालांकि Egypt में mongol invasion के बाद फिर से Abbasid के खलीफा
Al - Mustansir ने अपने अधीन कर लिया
और Egypt में Abbasid के खलीफाओ का शासन 1261–1517) तक चला |
इस Egypt के हिस्से के empire को Mamluk empir कहां गया
वही मंगोल ने पूरे परसिया को अपने अधीन कर लिया था और वहां का कंट्रोल
Abu Said Bahadur Khan ( 1305 - 1335 ) के हाथ में दे दिया था
Abu Said Bahadur Khan ( 1305 - 1335 )
किसी कारण मृत्यु होने के बाद , उस पर बाद में Timur ने परसिया पर राज
कर लिया था
Timur पहले चंगेज खान की सेना में गवर्नर था और Mongoliyon से इनका
परिवारिक रिश्ता भी था जिससे इनको sultan बनने में मदद मिली थी |
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इसके बाद Ottoman Empire आया -
Ottoman Empire की नीव Osman ने रखी
Osman के पिता ertugrul मंगोलियन से बचकर
आसपास के उन सुल्तानों से मिले जोकि मंगोलिया के कारण टूट गए थे
उन सब को यूनाइट osman ने किया इस्लाम के नाम पर और ऑटोमन
एंपायर का गठन किया
Ottomon Empire ने Byzantine Empire के क्षेत्र Egyot , Turkey
, Hungry इत्यादि सभी क्षेत्र पर अपना राज्य स्थापित कर लिया और
World War-1 में हारने के बाद Empire टूट गया और Turkey independence
में यह सिर्फ Turkey तक सीमित रह गया |
ottoman empire , 1299 - 1924 तक चला और Turkey बनते ही इस्लाम
में खलीफा का सिस्टम भी खत्म कर दिया गया |
इसके विद्रोह में भारत में खिलाफत आंदोलन नाम से विद्रोह हुआ था जिसका साथ
Mahatma Gandhi ने दिया था
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Calipha जब तक था , तब तक मुस्लिम centrally कंट्रोल होता था और बाकी
सभी राजा उस खलीफा का आदेश मानते थे |
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