Maurya Empire ,
मौर्य साम्राज्य , अशोका , ashoka
, बिंदुसरा bindusara , पोरस , porus ,
Nand Dynasty , Brihadratha , dasrath
, चाणक्य , history
मौर्य साम्राज्य , अशोका , ashoka
, बिंदुसरा bindusara , पोरस , porus ,
Nand Dynasty , Brihadratha , dasrath
, चाणक्य , history
Maurya Empire
मौर्य साम्राज्य .
भारत के सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का जीवनकाल
340 - 298 BCE के बीच रहा और उन्होंने
मौर्य एंपायर की स्थापना की और उन्होंने
322 - 298 BCE के बीच राज्य किया
वे सम्राट बिंदुसार के पिता और महान सम्राट
अशोका के Grand Father यानी दादा थे
अशोका के Grand Father यानी दादा थे
मौर्य साम्राज्य चंद्रगुप्त ने स्थापित किया और
इसका विस्तार पूरे भारत में सम्राट अशोक ने
फैलाया था
इसका विस्तार पूरे भारत में सम्राट अशोक ने
फैलाया था
मौर्य साम्राज्य अपने समय भारत और दुनिया
का सबसे बड़ा साम्राज्य था |
का सबसे बड़ा साम्राज्य था |
चंद्र-गुप्त से पहले भारत कई छोटे-छोटे राज्यों
में बढ़ा हुआ था , लेकिन मगध साम्राज्य का
उस समय उत्तर भारत में सबसे बड़ा साम्राज्य
था
में बढ़ा हुआ था , लेकिन मगध साम्राज्य का
उस समय उत्तर भारत में सबसे बड़ा साम्राज्य
था
और उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में
मगध साम्राज्य का राज्य था | मगध साम्राज्य
के राजा धनानंद थे इसलिए इस साम्राज्य को
नंद डायनेस्टी (Nanda Dynasty) भी कहा जाता
था |
मगध साम्राज्य का राज्य था | मगध साम्राज्य
के राजा धनानंद थे इसलिए इस साम्राज्य को
नंद डायनेस्टी (Nanda Dynasty) भी कहा जाता
था |
चंद्र-गुप्त भारत के प्रथम ऐसे राजा थे जिन्होंने
पूरे भारत को एक करने का अभियान चलाया |
पूरे भारत को एक करने का अभियान चलाया |
उस समय 326 BCE में जब चंद्र-गुप्त साम्राज्य
का शासन प्रारंभ भी नहीं हुआ था , तब Macedon
के राजा Alexander जिन्हें Alexander the
great भी कहा जाता है |
का शासन प्रारंभ भी नहीं हुआ था , तब Macedon
के राजा Alexander जिन्हें Alexander the
great भी कहा जाता है |
वह Macedon से Egypt और फिर पर्शिया
पर अपना विजई साम्राज्य स्थापित करता
हुआ भारत की ओर बढ़ा , इसके आगे भारत
के चेनाब और झेलम नदी के बीच राजा पोरस
का शासन था | यह क्षेत्र आज अधिकतम पंजाब
में आता है यहां पर Alexander और राजा पोरस
के बीच झेलम नदी के पास युद्ध हुआ |
पर अपना विजई साम्राज्य स्थापित करता
हुआ भारत की ओर बढ़ा , इसके आगे भारत
के चेनाब और झेलम नदी के बीच राजा पोरस
का शासन था | यह क्षेत्र आज अधिकतम पंजाब
में आता है यहां पर Alexander और राजा पोरस
के बीच झेलम नदी के पास युद्ध हुआ |
इस युद्ध को Battle of Hydaspes के नाम
से भी जाना जाता है | Alexander के साथ
राजा पोरस ने बहुत ही कुशलता पूर्वक युद्ध
लड़ा और अपनी बहादुरी का परिचय दिया |
से भी जाना जाता है | Alexander के साथ
राजा पोरस ने बहुत ही कुशलता पूर्वक युद्ध
लड़ा और अपनी बहादुरी का परिचय दिया |
इस युद्ध में Alexander की विशाल सेना
हताहत हो गई और राजा पोरस ने युद्ध को
अंतिम मरने की स्थिति तक लड़ा |
हताहत हो गई और राजा पोरस ने युद्ध को
अंतिम मरने की स्थिति तक लड़ा |
राजा पोरस की बहादुरी के बारे में
Mesodoneous के इतिहास में इसका उल्लेख
किया गया है | इस युद्ध को Alexander ने जीता
परंतु उनकी सेना का आगे बढ़ने का मनोबल
टूट गया |
Mesodoneous के इतिहास में इसका उल्लेख
किया गया है | इस युद्ध को Alexander ने जीता
परंतु उनकी सेना का आगे बढ़ने का मनोबल
टूट गया |
राजा पोरस की बहादुरी को देखते हुए राजा
Alexander ने उनका जीता हुआ राज्य उन्हें
वापस कर दिया और साथ ही कुछ और क्षेत्र
जो Alexander ने जीते थे वह भी दे दिए
Alexander ने उनका जीता हुआ राज्य उन्हें
वापस कर दिया और साथ ही कुछ और क्षेत्र
जो Alexander ने जीते थे वह भी दे दिए
इसी युद्ध में Alexander का प्रसिद्ध घोड़ा
ब्यूसेफालस (Bucephalus) मारा गया था |
ब्यूसेफालस (Bucephalus) मारा गया था |
Alexander River गंगा को Cross करके आगे
और जाना चाहता था लेकिन राजा पोरस से युद्ध
के बाद Alexander की सेना का आगे भारत में
युद्ध लड़ने का मनोबल टूट गया है क्योंकि उनके
बहुत अधिक सैनिक मारे गए थे |
और जाना चाहता था लेकिन राजा पोरस से युद्ध
के बाद Alexander की सेना का आगे भारत में
युद्ध लड़ने का मनोबल टूट गया है क्योंकि उनके
बहुत अधिक सैनिक मारे गए थे |
Alexander ने मनाने की कोशिश की पर सेना
तैयार नहीं हुई है|
तैयार नहीं हुई है|
एरियन ( Arrien ) जो Greek History का लेखक
था और वह Roman Empire की Militiary का
कमांडर भी था उन्होंने अपनी रचना में इसका
जिक्र किया है |
था और वह Roman Empire की Militiary का
कमांडर भी था उन्होंने अपनी रचना में इसका
जिक्र किया है |
इसके बाद Alexander अपनी सेना के साथ वापस
लौट गया और फिर Alexander की 323 BCE में
Fiver से मौत हो गई |
लौट गया और फिर Alexander की 323 BCE में
Fiver से मौत हो गई |
मृत्यु से पहले Alexander से पूछा गया कि अगला
राजा कौन होगा तो Alexander ने जवाब दिया कि
वह जो सबसे Strongest होगा इसी कारण
Alexander की मृत्यु के बाद Alexander का
Empire Four Genrals में बट गया और ये थे
Cassander ,Ptolemy , Antigonous ,
Seleucus
राजा कौन होगा तो Alexander ने जवाब दिया कि
वह जो सबसे Strongest होगा इसी कारण
Alexander की मृत्यु के बाद Alexander का
Empire Four Genrals में बट गया और ये थे
Cassander ,Ptolemy , Antigonous ,
Seleucus
इसमें Seleucus का Empire ईरान ,
अफगानिस्तान के गंधार तक फैला था |
अफगानिस्तान के गंधार तक फैला था |
इसके बाद चंद्रगुप्त मौर्य ने Mesodoneous
यानी Alexander के राज्य प्रभाव को भारत से
खत्म किया और Seleucus को ईरान तक
सीमित किया Seleucus और चंद्रगुप्त के बीच
इसको लेके संधि बनी |
यानी Alexander के राज्य प्रभाव को भारत से
खत्म किया और Seleucus को ईरान तक
सीमित किया Seleucus और चंद्रगुप्त के बीच
इसको लेके संधि बनी |
अब हम जानेंगे कि चंद्रगुप्त ने कैसे मगध के
राज्य में अपना राज्य स्थापित किया और फि
र Seleucus को पीछे धकेला और पूरे भारत
को एक करने का अभियान चलाया |
राज्य में अपना राज्य स्थापित किया और फि
र Seleucus को पीछे धकेला और पूरे भारत
को एक करने का अभियान चलाया |
चंद्रगुप्त नंद family से ही थे लेकिन उन्हें
बाहर कर दिया गया था और वह Alexander
की सीमा पर Fugutive Camp मैं पले बढ़े थे |
बाहर कर दिया गया था और वह Alexander
की सीमा पर Fugutive Camp मैं पले बढ़े थे |
चंद्रगुप्त के पिता का नाम महापद्मनंद था
चंद्रगुप्त बचपन से ही तेज बुद्धि के थे जिसके
चलते चाणक्य ने उनको देखा और उन्हें अपने
साथ तक्षशिला ले आय और उन्हें वहां पर शिक्षा
दी |
चंद्रगुप्त बचपन से ही तेज बुद्धि के थे जिसके
चलते चाणक्य ने उनको देखा और उन्हें अपने
साथ तक्षशिला ले आय और उन्हें वहां पर शिक्षा
दी |
उस समय तक्षशिला के राजा Omphis थे |
Alexander जब भारत की ओर बढ़ रहा था ,
तब Alexander की विशाल सेना के बारे में
जानकर उसने अपने राज्य को Alexander को
बिना युद्ध किए ही सौंप दिया |
Alexander जब भारत की ओर बढ़ रहा था ,
तब Alexander की विशाल सेना के बारे में
जानकर उसने अपने राज्य को Alexander को
बिना युद्ध किए ही सौंप दिया |
फिर Alexander और राजा पोरस के युद्ध के बाद
Alexander वापस चला गया था , उस समय
मगध साम्राज्य जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र
जिसे अब पटना के नाम से भी जाना जाता है
, पर नंद वंश के राजा धनानंद का शासन था |
Alexander वापस चला गया था , उस समय
मगध साम्राज्य जिसकी राजधानी पाटलिपुत्र
जिसे अब पटना के नाम से भी जाना जाता है
, पर नंद वंश के राजा धनानंद का शासन था |
राजा धनानंद को सिंहासन से हटाने में और
चंद्रगुप्त मौर्य को मगध में अपना राज्य
स्थापित करने में कौटिल्य जिन्हें चाणक्य के
नाम से भी जाना जाता है उनकी अहम भूमिका
थी |
चंद्रगुप्त मौर्य को मगध में अपना राज्य
स्थापित करने में कौटिल्य जिन्हें चाणक्य के
नाम से भी जाना जाता है उनकी अहम भूमिका
थी |
कहा जाता है कि चाणक्य से मिलने से पहले
राजा धनानंद ने चाणक्य की Insult की थी ,
जिससे क्रोधित होकर उन्होंने शपथ ली थी कि
वह तभी अपने बाल बांधेगे , जब तक कि वह
चाणक्य को राज सिंहासन से हटाना न दें |
राजा धनानंद ने चाणक्य की Insult की थी ,
जिससे क्रोधित होकर उन्होंने शपथ ली थी कि
वह तभी अपने बाल बांधेगे , जब तक कि वह
चाणक्य को राज सिंहासन से हटाना न दें |
इसके लिए उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को चुना जो
कि नंद परिवार से ही थे लेकिन उन्हें
निष्कासित कर दिया गया था |
कि नंद परिवार से ही थे लेकिन उन्हें
निष्कासित कर दिया गया था |
चाणक्य यानी कौटिल्य और चंद्रगुप्त ने एक छोटी
आर्मी बनाई , यह छोटी आर्मी मगध से सीधे
प्रहार से लड़ने में सक्षम नहीं थी तो चाणक्य ने
अपनी नीतियां बनाई जिससे पाटलिपुत्र जो की
मगध की राजधानी थी वहां ग्रह युद्ध हो गया ,
जिस कारण चंद्रगुप्त को मगध पर जीत मिली और
फिर 322 BCE में उन्होंने नंद डायनेस्टी ( Nand
Dynasty ) के शासन को समाप्त कर दिया |
आर्मी बनाई , यह छोटी आर्मी मगध से सीधे
प्रहार से लड़ने में सक्षम नहीं थी तो चाणक्य ने
अपनी नीतियां बनाई जिससे पाटलिपुत्र जो की
मगध की राजधानी थी वहां ग्रह युद्ध हो गया ,
जिस कारण चंद्रगुप्त को मगध पर जीत मिली और
फिर 322 BCE में उन्होंने नंद डायनेस्टी ( Nand
Dynasty ) के शासन को समाप्त कर दिया |
इस Victory के बाद चंद्रगुप्त ने सेल्यूकस
( Seleucus ) को गंधार अफगानिस्तान में
हराया |
( Seleucus ) को गंधार अफगानिस्तान में
हराया |
इस जीत के बाद चंद्रगुप्त ने ग्रीक के राजाओं को
हराया और उन्हें पीछे धकेला , जिससे उन्हें बहुत
लोकप्रिय और बहादुर राजा माना गया और मगध
की प्रजा का Support पूर्ण हासिल हो गया |
हराया और उन्हें पीछे धकेला , जिससे उन्हें बहुत
लोकप्रिय और बहादुर राजा माना गया और मगध
की प्रजा का Support पूर्ण हासिल हो गया |
इसके बाद चंद्रगुप्त और चाणक्य ने मौर्य साम्राज्य
को उस समय का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य
बनाया और राजधानी पाटलिपुत्र को इसकी राजधानी
बनाए रखा | और यह साम्राज्य Indus river से
Bay of Bengal तक फैल गया फैल गया और इसके
बाद 305 BCE में चंद्रगुप्त ने फिर से सेल्यूकस
( Seleucus ) को हराकर पंजाब जो आज Eastern
पाकिस्तान है उसे अपने राज्य में हासिल कर लिया
जोकि इससे पहले Seleucus के
कब्जे में था |
को उस समय का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य
बनाया और राजधानी पाटलिपुत्र को इसकी राजधानी
बनाए रखा | और यह साम्राज्य Indus river से
Bay of Bengal तक फैल गया फैल गया और इसके
बाद 305 BCE में चंद्रगुप्त ने फिर से सेल्यूकस
( Seleucus ) को हराकर पंजाब जो आज Eastern
पाकिस्तान है उसे अपने राज्य में हासिल कर लिया
जोकि इससे पहले Seleucus के
कब्जे में था |
इसके बाद दोनों राजाओं ने आपस में एक दूसरे से
दोस्ती बढ़ाने के लिए एक Marriage treaty बनाई
जिसमें चंद्रगुप्त ने ( Seleucus ) की बेटी हेलन से
शादी की और अपनी तरफ से 500 War Elephant
भेंट किए |
दोस्ती बढ़ाने के लिए एक Marriage treaty बनाई
जिसमें चंद्रगुप्त ने ( Seleucus ) की बेटी हेलन से
शादी की और अपनी तरफ से 500 War Elephant
भेंट किए |
Seleucus Empire और चंद्रगुप्त Empire के बीच
यह रिश्ता सदियों तक चला |
यह रिश्ता सदियों तक चला |
हेलन से पहले चंद्रगुप्त की एक और पत्नी दुर्धरा थी
जिनका पुत्र बिंदुसारा आगे चलके मौर्य साम्राज्य का
राजा बना |
जिनका पुत्र बिंदुसारा आगे चलके मौर्य साम्राज्य का
राजा बना |
चंद्रगुप्त के राज दरबार में सेल्यूकस द्वारा भेजा गया
एक ग्रीक इतिहासकार मेगस्थनीज भी था , जो
पाटलिपुत्र के राज दरबार में 317 - 312 BCE तक
एक दरबारी के रूप में रहा और चंद्रगुप्त के बारे में
जाना और लिखा |
एक ग्रीक इतिहासकार मेगस्थनीज भी था , जो
पाटलिपुत्र के राज दरबार में 317 - 312 BCE तक
एक दरबारी के रूप में रहा और चंद्रगुप्त के बारे में
जाना और लिखा |
उन्होंने भारतीयों के बारे में भी काफी अहम बातें अपने
लेख में लिखी जैसे भारतीय शराब वगैरा किसी खास
की मृत्यु पर ही पीते थे और वे एक दूसरे को कर्ज सिर्फ
विश्वास पर ही देते थे |
लेख में लिखी जैसे भारतीय शराब वगैरा किसी खास
की मृत्यु पर ही पीते थे और वे एक दूसरे को कर्ज सिर्फ
विश्वास पर ही देते थे |
उन्होंने चंद्रगुप्त Empire के बारे में भी लिखा |
चंद्रगुप्त Empire का राज महल अत्यंत सोने
चांदी से बना था और चंद्रगुप्त अधिकतर युद्ध
करते रहते थे और अपने साम्राज्य का निरंतर
विस्तार करते रहे |
चांदी से बना था और चंद्रगुप्त अधिकतर युद्ध
करते रहते थे और अपने साम्राज्य का निरंतर
विस्तार करते रहे |
चंद्रगुप्त ने उत्तर भारत में बंगाल से लेकर
rabian Sea तक अपना साम्राज्य स्थापित करने
के बाद उन्होंने Deccan Plateau की और अपना
साम्राज्य फैलाना शुरू किया और जैन इतिहास के
अनुसार चंद्रगुप्त ने अपने अपने शासनकाल में
अधिकतम भारत पर एक ही साम्राज्य का अधिकार
कायम कर दिया था और यह साम्राज्य उस समय
दुनिया का सबसे विस्तार साम्राज्य था |
rabian Sea तक अपना साम्राज्य स्थापित करने
के बाद उन्होंने Deccan Plateau की और अपना
साम्राज्य फैलाना शुरू किया और जैन इतिहास के
अनुसार चंद्रगुप्त ने अपने अपने शासनकाल में
अधिकतम भारत पर एक ही साम्राज्य का अधिकार
कायम कर दिया था और यह साम्राज्य उस समय
दुनिया का सबसे विस्तार साम्राज्य था |
पूरे भारत में एक साम्राज्य स्थापित करने के बाद
चंद्रगुप्त और चाणक्य ने कई आर्थिक बदलाव
( Ecnomic Reform) किए |
चंद्रगुप्त और चाणक्य ने कई आर्थिक बदलाव
( Ecnomic Reform) किए |
चंद्रगुप्त ने अपने समय कई Organised
Infrastructure बनवाए , जैसे खेती की सिंचाई
के लिए नहरों का निर्माण , मंदिरों का निर्माण
, रोड का निर्माण आदि शामिल था |
Infrastructure बनवाए , जैसे खेती की सिंचाई
के लिए नहरों का निर्माण , मंदिरों का निर्माण
, रोड का निर्माण आदि शामिल था |
चंद्रगुप्त ने सन 298 BCE में अपने पुत्र बिंदुसरा
को अपना उत्तराधिकारी बनाया और खुद
जैन धर्म धारण कर लिया और कुछ समय के
बाद अपने आप को उपवास रखकर अपना
शरीर त्याग कर दिया |
को अपना उत्तराधिकारी बनाया और खुद
जैन धर्म धारण कर लिया और कुछ समय के
बाद अपने आप को उपवास रखकर अपना
शरीर त्याग कर दिया |
बिंदुसरा ने चंद्रगुप्त के द्वारा दक्षिण भारत के कर्नाटक
के Mysore तक फैलाएं के शासनकाल को बरकरार
रखा पर समय-समय पर विद्रोह होता था |
के Mysore तक फैलाएं के शासनकाल को बरकरार
रखा पर समय-समय पर विद्रोह होता था |
इतिहासकारों के अनुसार CHOLAS , PANDYAS ,
CHERAS के मौर्य साम्राज्य से अच्छे तालुकात थे
CHERAS के मौर्य साम्राज्य से अच्छे तालुकात थे
बिंदुसरा की मृत्यु 272 BCE में होने के बाद राज्य
में राजा बनने को लेकर एक प्रकार का युद्ध छिड़
गया |
में राजा बनने को लेकर एक प्रकार का युद्ध छिड़
गया |
कहा जाता है कि बिंदुसरा अपने सबसे बड़े बेटे
सुसीम को अगला राजा बनाना चाहते थे
लेकिन बिंदुसरा के एक मिनिस्टर जिनका नाम
राधा गुप्त था वह अशोका के पक्ष में था और
मिनिस्टर राधा गुप्ता ने अशोका को राज सिंहासन
तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और
अशोका के राजा बनते ही राधा गुप्त उनके
मुख्यमंत्री बने |
सुसीम को अगला राजा बनाना चाहते थे
लेकिन बिंदुसरा के एक मिनिस्टर जिनका नाम
राधा गुप्त था वह अशोका के पक्ष में था और
मिनिस्टर राधा गुप्ता ने अशोका को राज सिंहासन
तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई और
अशोका के राजा बनते ही राधा गुप्त उनके
मुख्यमंत्री बने |
इसके बाद अशोका ने मौर्य साम्राज्य को अगले
8 सालों तक और फैलाया उसने मौर्य साम्राज्य
को आसाम से लेकर बलूचिस्तान तथा
अफगानिस्तान के Pamir knot से पूरे भारत में
सिर्फ तमिलनाडु और केरल को छोड़कर जहां
प्राचीन तमिल राजाओं का शासन था और
उनके मौर्य अंपायर से अच्छे तालुकात थे |
8 सालों तक और फैलाया उसने मौर्य साम्राज्य
को आसाम से लेकर बलूचिस्तान तथा
अफगानिस्तान के Pamir knot से पूरे भारत में
सिर्फ तमिलनाडु और केरल को छोड़कर जहां
प्राचीन तमिल राजाओं का शासन था और
उनके मौर्य अंपायर से अच्छे तालुकात थे |
बाकी सब जगह अपने राज्य का विस्तार
किया |
किया |
अशोका के पिता बिंदुसरा के राज्य में साउथ
इंडिया में मौर्य एंपायर की जड़े कमजोर
पड़ती जा रही थी , उसे अशोका ने फिर से
वहां मजबूत राजतंत्र बनाया और कंट्रोल
किया |
इंडिया में मौर्य एंपायर की जड़े कमजोर
पड़ती जा रही थी , उसे अशोका ने फिर से
वहां मजबूत राजतंत्र बनाया और कंट्रोल
किया |
अशोका अपने साम्राज्य का विस्तार करने
के लिए उसका युद्ध कलिंग से 261 BCE
में हुआ |
के लिए उसका युद्ध कलिंग से 261 BCE
में हुआ |
अशोका का यह युद्ध इतिहास में सबसे
भयानक युद्धो में से एक था | इस युद्ध में
इतिहासकारों के अनुसार 3 लाख से भी ज्यादा
लोग घायल हुए या मारे गए और हजारों लोग
जो बच गए थे वो राज्य
से पलायन कर गए |
भयानक युद्धो में से एक था | इस युद्ध में
इतिहासकारों के अनुसार 3 लाख से भी ज्यादा
लोग घायल हुए या मारे गए और हजारों लोग
जो बच गए थे वो राज्य
से पलायन कर गए |
अशोका ने कलिंग के इस युद्ध के बाद मौर्य
एंपायर के साम्राज्य के विस्तार को रोक दिया |
एंपायर के साम्राज्य के विस्तार को रोक दिया |
अशोका ने इसके बाद ऐतिहासिक अध्यादेश जारी
किया और अपने अधिकारियों को कहा मेरे
अध्यादेश को चट्टानों पर या स्तंभों पर उसकी
लोकल भाषा के आधार पर इसे लिखा जाए |
किया और अपने अधिकारियों को कहा मेरे
अध्यादेश को चट्टानों पर या स्तंभों पर उसकी
लोकल भाषा के आधार पर इसे लिखा जाए |
अशोका ने इन अध्यादेश पर धर्म की आजादी ,
सभी धर्मों का सम्मान , और अपने अधिकारियों
को गरीबों की मदद और बुजुर्गों की मदद के
निर्देश दिए और इंसानों और जानवरों के लिए
वेद शालाओं के निर्माण के लिए आदेश दिए और
लोगों से अपने मां-बाप तथा बुजुर्गों के सम्मान
करने तथा पंडित पुजारियों को भी सम्मान देने
का अनुरोध किया |
सभी धर्मों का सम्मान , और अपने अधिकारियों
को गरीबों की मदद और बुजुर्गों की मदद के
निर्देश दिए और इंसानों और जानवरों के लिए
वेद शालाओं के निर्माण के लिए आदेश दिए और
लोगों से अपने मां-बाप तथा बुजुर्गों के सम्मान
करने तथा पंडित पुजारियों को भी सम्मान देने
का अनुरोध किया |
इसके अलावा अध्यादेशों में फलों के पेड़ों को
, छायादार पेड़ों को लगाने तथा तथा जगह-जगह
सड़कों के किनारे , कुओ के निर्माण जिससे यात्री
पानी अथवा आराम कर सकें आदि सभी के
आदेश दिए |
, छायादार पेड़ों को लगाने तथा तथा जगह-जगह
सड़कों के किनारे , कुओ के निर्माण जिससे यात्री
पानी अथवा आराम कर सकें आदि सभी के
आदेश दिए |
अशोका ने इसके बाद बुद्धिज्म का प्रचार देश और
विदेश में बढ़ाने का अभियान चलाया |
धन संपत्ति का बड़े पैमाने में दान , मठों और
आश्रमों का निर्माण , त्यौहारों को बढ़ावा देना ,
देश में शांति बनाए रखना
आदि किया |
विदेश में बढ़ाने का अभियान चलाया |
धन संपत्ति का बड़े पैमाने में दान , मठों और
आश्रमों का निर्माण , त्यौहारों को बढ़ावा देना ,
देश में शांति बनाए रखना
आदि किया |
अशोका ने 84000 Stupas जहां बुद्धिस्ठ
प्राणायाम करते थे वो बनवाए |
प्राणायाम करते थे वो बनवाए |
अशोका ने बुद्धिज्म को भारत के बाहर ले जाने में
काफी बड़ा योगदान दिया और आज बुद्धिज्म
विश्व के हर कोने में है तथा यह विश्व के सबसे
बड़े धर्मों में से एक है |
काफी बड़ा योगदान दिया और आज बुद्धिज्म
विश्व के हर कोने में है तथा यह विश्व के सबसे
बड़े धर्मों में से एक है |
बुद्धिस्ठ ग्रंथों में अशोका के कई आदर्शों का
उल्लेख किया गया है जिनमें अशोका का बुद्धिज्म
को अपनाना , बुद्धिज्म को बढ़ावा देना तथा
बुद्धिस्ट साइटों का निर्माण करवाना , उनकी
बोधी वृक्ष (bodh tree) की पूजा करना तथा
Third Bhudhist Council का निर्माण ताकि
बुद्धिस्ट Supporter बुद्धिज्म को Greece ,
Egypt , Syria आदि से भी आगे इसका
विस्तार कर सके |
उल्लेख किया गया है जिनमें अशोका का बुद्धिज्म
को अपनाना , बुद्धिज्म को बढ़ावा देना तथा
बुद्धिस्ट साइटों का निर्माण करवाना , उनकी
बोधी वृक्ष (bodh tree) की पूजा करना तथा
Third Bhudhist Council का निर्माण ताकि
बुद्धिस्ट Supporter बुद्धिज्म को Greece ,
Egypt , Syria आदि से भी आगे इसका
विस्तार कर सके |
ऐसी ही एक Sthaviravada स्कूल जोकि एक
बुद्धिस्ट स्कूल था श्रीलंका में सन 240 BCE में
बनवाया गया था |
बुद्धिस्ट स्कूल था श्रीलंका में सन 240 BCE में
बनवाया गया था |
अशोका ने कुल 36 साल राज किया और फिर
इनकी मृत्यु 232 BCE में हो गई |
इनकी मृत्यु 232 BCE में हो गई |
अशोका के मरने के बाद मौर्य साम्राज्य सिर्फ
50 साल और चला |
50 साल और चला |
सम्राट अशोका की पांच रानियां थी जिनका
नाम Devi , Karuvaki , Padmavti ,
Asandhimitra और Tishyaraksha था |
नाम Devi , Karuvaki , Padmavti ,
Asandhimitra और Tishyaraksha था |
अशोका की मृत्यु के बाद दशरथ जोकि अशोका
के Grand son थे मौर्य साम्राज्य के अगले राजा
बने |
के Grand son थे मौर्य साम्राज्य के अगले राजा
बने |
राजा दशरथ ने अशोका की धार्मिक और सामाजिक
नीतियों को बनाए रखा और ये मौर्य अंपायर के
आखिरी राजा थे जिन्होंने शिलालेख आदि जारी
किए थे |
नीतियों को बनाए रखा और ये मौर्य अंपायर के
आखिरी राजा थे जिन्होंने शिलालेख आदि जारी
किए थे |
फिर राजा दशरथ की मृत्यु 224 BCE में होने के
बाद उनके चचेरे भाई Samprati , मौर्य साम्राज्य
के राजा बने Samprati , अशोका के बेटे Kuna
l का बेटा था |
बाद उनके चचेरे भाई Samprati , मौर्य साम्राज्य
के राजा बने Samprati , अशोका के बेटे Kuna
l का बेटा था |
Kunal अशोक की रानी पद्मावती जो की जैन थी
का पुत्र था | Kunal तब उज्जैन में पला बढ़ा था
और किसी षड्यंत्र के तहत ताकि वह कभी
राजा के पद का दावेदार न बन सके उसे अंधा
कर दिया गया था |
का पुत्र था | Kunal तब उज्जैन में पला बढ़ा था
और किसी षड्यंत्र के तहत ताकि वह कभी
राजा के पद का दावेदार न बन सके उसे अंधा
कर दिया गया था |
उसके बाद रानी पद्मावती अपने बेटे Kunal को
लेकर राजा अशोका के दरबार पर पहुंच कर
Kunal को अगले राजा बनाने की मांग की ,
लेकिन Kunal के अंधे होने की वजह से उसे
राजा बनाने से इंकार कर दिया गया |
लेकर राजा अशोका के दरबार पर पहुंच कर
Kunal को अगले राजा बनाने की मांग की ,
लेकिन Kunal के अंधे होने की वजह से उसे
राजा बनाने से इंकार कर दिया गया |
परंतु यह कहा कि Kunal का पुत्र आगे
चलकर मौर्य साम्राज्य का राजा बनेगा और
वही Kunal का पुत्र Samprati इसी वजह
से आगे चलकर राजा बना |
चलकर मौर्य साम्राज्य का राजा बनेगा और
वही Kunal का पुत्र Samprati इसी वजह
से आगे चलकर राजा बना |
Samprati का शासन 224 - 215 BCE
तक चला उसके बाद शालिशुका Shalishuka
मौर्य एंपायर के शासक बनने और उनको
उनका शासन 215 - 202 BCE तक चला |
तक चला उसके बाद शालिशुका Shalishuka
मौर्य एंपायर के शासक बनने और उनको
उनका शासन 215 - 202 BCE तक चला |
और फिर डेववारमन ( Devavarman )
मौर्य अंपायर के शासक बने और उनका
राज्य काल 202 - 195 BCE तक चला |
मौर्य अंपायर के शासक बने और उनका
राज्य काल 202 - 195 BCE तक चला |
और फिर शतधनुस ( Shatadhanus )
जिनका राज्य काल 195 - 187 BCE तक
चला इनके राज्य में मौर्य एंपायर के कुछ
राज्यों पर अन्य राजाओं का कब्जा हो
चुका था |
जिनका राज्य काल 195 - 187 BCE तक
चला इनके राज्य में मौर्य एंपायर के कुछ
राज्यों पर अन्य राजाओं का कब्जा हो
चुका था |
और फिर मौर्य एंपायर के आखरी शासक
बृहद्रथ ( Brihadratha ) मौर्य थे उनका
शासन 187 - 180 BCE तक चला ,
शासन 187 - 180 BCE तक चला ,
उन्हें उन्हीं के जनरल जिनका नाम
पुष्यमित्र शुंग ( Pushyamitra Shunga )
था उन्होंने ही मार दिया था और फिर
Shunga (शुंगा) Empire की शुरुआत
की थी |
पुष्यमित्र शुंग ( Pushyamitra Shunga )
था उन्होंने ही मार दिया था और फिर
Shunga (शुंगा) Empire की शुरुआत
की थी |