बुद्धि से हर परेशानियों का हल ढूंढो - eye opening story . to use brain.
एक किसान ने एक बार भगवान बुद्ध से शिकायत की कि
मैं खेत में श्रम करता, हल चलाता, बीज बोता हूं और तब मुझे खाने को मिल पाता है।
क्या यह बेहतर न होता कि आप भी बीज बोते हलचलाते और तब खाते?
बड़ी अनूठी बात किसान ने पूछी बुद्ध से।
बुद्ध ने कहा ओ किसान,
मैं भी हल चलाता हूं? बीज बोता हूं फसल कांटता हूं तभी खाता हूं!
किसान ने हैरान होकर कहा, अगर तुम किसान हो तो तुम्हारे खेती के उपकरण कहां हैं? कहां है तुम्हारे बैल? बीज कहां है? कहां है हल?
बुद्ध ने कहा विश्वास मेरी बीज है जिसे मैं बोता हूं। भक्ति है वर्षा जो उसे अंकुरित करती है। विनय है मेरा बक्सर। मन है बैलों को बांधने की रस्सी और स्मृति है मेरा हल और हंकनी। सत्य है बांधने का साधन; कोमलता खोलने का साधन। शक्ति हैं बैल मेरे।
इस तरह मैं हल चलाकर भ्रम की कांस उखाड़ देता हूं। और जो फसल कांटता हूं, वह है निर्वाण की। इस तरह दुख विनष्ट होता है, निर्वाण प्रकट होता है;
इस तरह मैं हल चलाकर भ्रम की कांस उखाड़ देता हूं। और जो फसल कांटता हूं, वह है निर्वाण की। इस तरह दुख विनष्ट होता है, निर्वाण प्रकट होता है;
हे किसान, तू भी ऐसा ही कर। मनुष्य को बुद्धि ने बड़ा वैज्ञानिक विचार दिया है। उसे तुम समझो तो दुख से मुक्त हो सकते हो।
Download ynot : to get more stories and positive things - that makes you smile
ynot App from google play
No comments:
Post a Comment