शादी से पहले मुझे लङको का बहुत शोंक था |
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मेरा नाम आरती सिंह है । और मैं अमृतसर पंजाब की
रहने वाली हूं। मैं आपके साथ अपनी जिंदगी का कुछ
अनुभव शेयर करना चाहती हूं।
मुझे किस तरह कम उम्र में ही लड़कों का शौंक पड़
गया था ।और शादी के बाद मुझे कितनी मुश्किलें आई
। यह सब बातें मैं आपके साथ शेयर कर रही हूं।
अभी मेरी उम्र 25 वर्ष है । और मैं आपको 10 वर्ष
पहले का बात बताने वाली हूं। इन 10 वर्षों में मेरे साथ
क्या-क्या हुआ। जे अपनी आप बीती कहानी मैंने बहुत
मेहनत से लिखी है। आप पढ़ कर मुझे गाली मत देना।
आज से 10 वर्ष पहले उस समय मैं मेट्रिक की क्लास
में पढ़ रही थी। उस समय मेरा उम्र 15 वर्ष था। मुझे
लड़कों को देखना ,लड़कों को मिलना, लड़कों के पास
जाकर बहना बहुत अच्छा लगता था। मेरी इसी आदत
से कुछ लड़कियां मुझे कंजरी भी बोलती थी।
मैं दिखने में काफी सुंदर थी ।और काफी खूबसूरत थी।
यह बात मुझे कहना नहीं चाहिए । लेकिन कहानी
लिखने के लिए सब कुछ सच बोलना पड़ता है। मेरी
इसी खूबसूरती की वजह से सभी लड़के मुझे बार-बार
देखते रहते थे । और मैं भी लड़कों को देखती रहती थी
स्कूल में सभी लड़के मेरे पीछे पड़े हुए थे । मुझे अपनी
बनाने के लिए। फिर एक दिन मैं स्कूल से अपने घर
वापस आ रही थी। और रास्ते में मुझे एक लड़के ने घेर
लिया । जे लड़का मेरे स्कूल में ही पढ़ता था।
बस उस दिन से हम दोनों की लव स्टोरी शुरू हो गई।
हम दोनों हर रोज स्कूल से घर वापस आते हुए एक
साथ इकट्ठे आते। और कभी कभी हम दोनों स्कूल का
बहाना लगाकर कहीं और घूमने के लिए चले जाते।
ऐसा दो-तीन महीनों तक चलता रहा। फिर एक दिन मैं
सुबह सुबह स्कूल में जा रही थी। और रास्ते में मुझे
कुलविंदर मिल गया। कुलविंदर बोला कि चलो आज
किसी खास जगह पर घूमने के लिए चलते हैं। और हम
दोनों स्कूल में नहीं बल्कि किसी गुप्त जगह में घूमने के
लिए चले गए।
कुलविंदर मुझे एक ऐसी गुप्त जगह में लेकर चला गया
।जहां किसी भी आदमी का आना जाना नहीं था। फिर
कुलविंदर ने मेरे जिस्म पर हाथ फेरना शुरू कर दिया।
मैंने भी कुलविंदर की हां में हां मिला दी। और उसे मना
नहीं किया। फिर कुलविंदर ने मुझे पकड़ कर जमीन पर
लेटा दिया। और खुद मेरे ऊपर लेट गया।……….
फिर उसने मेरे कपड़ों को खोलना चाहा। और मैंने
उसको कुछ भी नहीं बोला। फिर कुलविंदर जो करना
चाहता था उसने कर दिया। और मुझे काफी तकलीफ
भी हुई।
उसके बाद हम दोनों स्कूल की छुट्टी के टाइम अपने घर
वापस आ गए। किसी के कानों कान खबर नहीं लगी
कि हम दोनों कया करके आए हैं। मुझे काफी अजीब
लग रहा था कि मैंने आज क्या कर दिया। अपने आप
पर पछतावा भी हो रहा था। लेकिन हंसी भी आ रही थी
कुछ दिनों बाद मेरा दिल फिर से वही काम करने के
लिए उत्साहित हुआ। और मैंने कुलविंदर को फोन लगा
दिया कि मैं आप के साथ कहीं घूमने के लिए जाना
चाहती हूं। कुलविंदर बहुत खुश हुआ और मुझे बोला
कि ठीक है।
अगले दिन सुबह सुबह हम दोनों स्कूल गए और रास्ते में
एक दूसरे को मिल गए।
स्कूल जाने की बजाय हम दोनों उसी जगह पर चले
गए। कुलविंदर ने फिर से मेरे साथ वही काम किया जो
मैं कुलविंदर के साथ करना चाहती थी।
ऐसा काफी लंबे समय तक चलता रहा । और हर महीने
में कम से कम तीन चार बार कुलविंदर मुझे किसी गुप्त
स्थान में लेकर चला जाता था।
उसके बाद धीरे-धीरे मेरा पढ़ाई में भी मन लगना बंद हो
गया। और मैं मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो गई।
मेरे घर वालों ने मुझे बहुत डांटा।
और मेरे पिताजी पता करने के लिए 1 दिन स्कूल में
चले गए।
स्कूल में प्रिंसिपल साहिब ने मेरे पिताजी को बताया कि
आपकी लड़की स्कूल बहुत कम आती थी
जब मेरे पिताजी को इस बात का पता चला तो वह
सीधा घर वापस आ गए।
और घर आकर मुझे पूछने लगे कि प्रिंसिपल साहब
ऐसा बोलते हैं। लेकिन तुम तो कभी छुट्टी नहीं करती थी
हर रोज स्कूल जाती थी। मेरे पिताजी ने मेरे एक जोर से
थप्पड़ मार दिया
और पूछा कि बताओ कहां जाती थी। पिताजी बहुत
गुस्से में आ गए । और मेरे और थप्पड़ मारने शुरू कर
दिए।
मैं पिताजी के गुस्से से बहुत ज्यादा डर गई थी। पिताजी
के गुस्से से डरकर मैंने पिताजी को सब कुछ सच-सच
बता दिया। फिर मेरे पिताजी ने मेरी मां से बात किया।
मेरी मां ने मुझे बोला कि तुमने कुलविंदर के साथ कुछ
गलत तो नहीं किया।
तो मैंने अपनी मां को भी सच सच सब कुछ बता दिया
कि मैं कुलविंदर के साथ कितनी बार गलत हो चुकी हूं।
फिर मेरे घर वालों ने एक-दो महीनों के अंदर ही मेरी
शादी कर दी।
मेरी शादी काफी धूमधाम से की गई। सभी रस्मों को
पूरा किया गया। और मैं भी काफी खुश थी। मेरे पति
जी का स्पेयर पार्ट का अपना दुकान था ।
शादी के अगले दिन की रात को हम दोनों का सुहागरात
था। कुछ लड़कियां मुझे मेरे कमरे में ले कर चली गई।
और कुछ समय मेरे साथ बिताने के बाद वह लड़कियां
वापस कमरे से चली गई। और मैं कमरे में अकेली बैठी
हुई थी। और अपने पति का इंतजार कर रही थी
कुछ टाइम के बाद मेरे पति जी मेरे कमरे के अंदर
आए। सबसे पहले उन्होंने कमरे को लॉक किया। और
मेरी तरफ देखने लगे। फिर वह मेरे पास आए और मुझे
बोला कि आप कैसी हो ।आपकी तबीयत ठीक है। मैंने
बोला जी मैं ठीक हूं।
फिर उन्होंने मेरा घूंघट उठाया और अपने गले लगा
लिया मुझे। और काफी प्यार से डार्लिंग बोलने लगे।
फिर हम दोनों ने कुछ देर तक बातें की। फिर मेरे पति
जी ने अपना काम करना शुरू कर दिया। कुछ देर तक
उन्होंने अपना काम किया।
जब उनका काम खत्म हुआ और वह बेड पर लेट गए।
उसके बाद उन्होंने मुझे बोला कि आपका पहला शादी
नहीं है । यह आपका दूसरा शादी है। मैंने उनको बोला
कि आप को क्या हो गया है यार कैसी बातें कर रहे हो।
तो पति जी ने बोला कि मैं जो भी बोल रहा हूं बिल्कुल
सही बोल रहा हूं। कि आपका पहला शादी नहीं आपका
दूसरा शादी है। मेरे पति मेरे से गुस्सा भी हो गए।
फिर मेरे पति जी ने मुझे बोला कि आपने शादी से पहले
भी यह काम किया है। तुम मुझे सच सच बता दो मैं
आपको हमेशा के लिए माफ कर दूंगा। और शादी से
पहले के जीवन को भी भूल जाऊंगा।
मैंने अपने पति को बहुत समझाया और वह नहीं समझे।
मेरे पति मेरे सामने एक ही प्रश्न रख रहे थे । कि अगर
तुम मुझे सच्च सच्च बता देती है ।अपने शादी के पहले
के बारे में। तो मैं आपको कुछ भी नहीं कहूंगा। और हम
दोनों सब कुछ भूल कर नई जिंदगी जीना शुरू करेंगे।
उनकी बातों में आकर मैंने उनको भी सब कुछ बता
दिया। फिर वह मेरे साथ थोड़ा गुस्से हुए और बाद में
मुझे अपने गले लगा लिया।
और बोला कि कोई बात नहीं ऐसा गलती किसी से भी
हो सकता है। फिर उन्होंने मुझे अपने गले लगा कर
काफी समय तक प्यार किया।
और फिर अपना काम करना शुरू कर दिया।
कुछ महीनों बाद में गर्भवती हो गई।
और हमारे घर में एक नन्हे मुन्ने बच्चे ने जन्म लिया।
मेरे पति बहुत अच्छे हैं । और उन्होंने मुझे कभी भी तंग
नहीं किया। उनकी जगह अगर कोई और होता । तो
आज हमारा तलाक हो गया होता।
इस कहानी का मुख्य उद्देश्य आप लोगों को समझाना है
कि शादी से पहले ऐसा गलती कभी मत करना ।
जिससे आपको पूरा जिंदगी पछतावा रहे।
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