Monday, 13 May 2019

भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय की केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच विवादों के निर्णयन की शक्ति किसके अधीन आती है

Asked By : Tirath  ( Ynot App )

भारत के उच्‍चतम न्‍यायालय की केन्‍द्र और राज्‍यों के बीच विवादों के निर्णयन की शक्ति किसके अधीन आती है ?

Options:

1) सलाहकार क्षेत्राधिकारिता
2) मूल क्षेत्राधिकारिता
3) अपीली क्षेत्राधिकारिता
4) न्यायशास्त्र

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Answered By : Deepak (Top Voted)

Correct Answer: मूल क्षेत्राधिकारिता

भारतीय संविधान द्वारा उच्चतम न्यायालय को व्यापक शक्तियां व क्षेत्राधिकार प्रदान किए गए है

ब्रिटेन के उच्च सदन (House of Lords) की तरह भारत में उच्चतम न्यायालय को न्यायिक समीक्षा की शक्ति प्राप्त है जिसे निम्न वर्गों में वर्गीकृत किया गया है —

मूल / आरंभिक क्षेत्राधिकार
अपीलीय क्षेत्राधिकार
परामर्शी / सलाहकारी क्षेत्राधिकार
न्यायिक समीक्षा
मूल क्षेत्राधिकार (Original jurisdiction)
इसके अंतर्गत कुछ मामलों की सुनवाई सीधे उच्चतम न्यायालय कर सकता है तथा ऐसे मामलों में निचली अदालत में सुनवाई आवश्यक नहीं है , उच्चतम न्यायालय का मूल क्षेत्राधिकार उसे संघीय मामलों से  संबंधित सभी विवादों में निर्णायक की भूमिका प्रदान करता है| उच्चतम न्यायालय के मूल क्षेत्राधिकार में आने वाले मामलें निम्न है —

केंद्र व राज्यों के मध्य विवाद
दो या दो से अधिक राज्यों के मध्य विवाद
मूल अधिकारों से संबंधित मामलें
राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति संबंधी विवाद

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