Sunday, 21 April 2019

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने कब शकारि' और 'विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी

Asked By : Shilpa (Ynot App)

चन्द्रगुप्त द्वितीय ने कब 'विक्रमादित्य' की उपाधि धारण की थी?

□ शकों का उन्मूलन करने पर
□ गुप्त सिंहासन पर बैठने के बाद
□ चाँदी के सिक्के जारी करने के बाद
□ उपर्युक्त सभी

-------------------------------------------------------------
Answered By : Hari (Top Voted)

Correct Option : 1 ( शकों का उन्मूलन करने पर )

चन्द्रगुप्त द्वितीय की मुद्राएँगुजरात और काठियावाड़ के शकों का उच्छेद करके उनके राज्य को गुप्त साम्राज्य के अंतर्गत कर लेना चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासन काल की सबसे महत्त्वपूर्ण घटना थी।

इसी कारण वह 'शकारि' और 'विक्रमादित्य' कहलाया। कई सदी पहले शकों का इसी प्रकार से उच्छेद कर सातवाहन सम्राट गौतमीपुत्र सातकर्णि ने भी 'शकारि' और 'विक्रमादित्य' की उपाधियाँ ग्रहण की थीं। अब चन्द्रगुप्त द्वितीय ने भी एक बार फिर उसी गौरव को प्राप्त किया।

गुजरात और काठियावाड़ की विजय के कारण अब गुप्त साम्राज्य की सीमा पश्चिम में अरब सागर तक विस्तृत हो गई थी।


Download Yvid : Create Amazing video from your images : for you Gilrfriend , Birthday , Marriage ,GoodMorning Message


No comments:

Post a Comment

Search Any topic , section , query